रायपुर/राजनांदगांव।
बीते महिनों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद से छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी फेरबदल की चर्चाएं जारी हैं। खबरें आती रहीं है कि कांग्रेस आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष को ही बदलने की तैयारी में हैं। अब इसी बीच प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल दिल्ली रवाना हुए हैं। चर्चा है कि उनकी दिल्ली से वापसी के बाद कई जिलों में अध्यक्ष बदल दिए जाएंगे।
गुरुवार दोपहर बघेल दिल्ली में थे। वे वहां पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे। संभव है कि वे आज शाम ही या कल सुबह वापस आ जाएंगे। उनकी वापसी के साथ ही संगठन में सर्जरी शुरु हो जाएगी जिसे लेकर वे पार्टी आलाकमान से अनुमति लेने गए हैं।
जो विधानसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जता रहे हैं, उन्हें भी जिलाध्यक्ष पद से मुक्त किया जा सकता है। संगठन में काम करने वालों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने शराबबंदी को लेकर जो आंदोलन चलाया है, उसमें सबकी परफॉर्मेंस की समीक्षा रिपोर्ट भी आलाकमान को सौंपी जाएगी।
कांग्रेस में रहकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का समर्थन करने वाले कांग्रेसी, प्रदेश संगठन के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। कुछ विधायक और बड़े नेताओं के नाम इनमें शामिल हैं। तय माना जा रहा है कि भूपेश आलाकमान से इस संबंध में भी चर्चा करेंगे और कड़े निर्णय लेने की सिफारिश करेंगे।
ढोने वाले नेता बाहर होंगे
प्रदेश के कई जिलों में अध्यक्ष की कमान संभालने वाले नेता ऐसे हैं जिन्हें संगठन ढो रहा है। इन अध्यक्षों की रिपोर्ट बघेल अपने साथ लेकर उड़े हैं, जो कि बदलाव का संकेत है। सूत्रों की मानें तो भूपेश बघेल जिला स्तर पर तैयार की गई समीक्षा रिपोर्ट साथ लेकर गए हैं। इसमें उन जिलाध्यक्षों के नाम हैं, जो बेहतर काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र सबसे बड़ी चिंता का सबब है। यहां के जिला ग्रामीण व शहर अध्यक्ष का प्रदर्शन किसी लिहाज से बेहतर नहीं रहा है। राजनांदगांव की कमान शहीद उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार संभाल रहे हैं। उन्हें सहानुभूति के तौर पर ये पद दिया गया लेकिन वे अपनी राजनीति को उदय मुदलियार के स्तर तक नहीं ला सके। अलबत्ता उन्हें ज्ञापन नेता की उपाधि लोगों ने दे दी।
कुछ ऐसा ही हाल राजनांदगांव ग्रामीण का संगठन संभाल रहे अलाली राम यादव का है। उनके कार्यकाल में संगठन में ऐसा कुछ भी नहीं रहा जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बने या फिर जिससे कांग्रेस जनता से जुड़ पाए। अलाली के नाम से एक नारा चला कि ‘अलाली मतलब दलाली’ इससे उनकी स्थिति समझी जा सकती है। प्रदेश स्तर के कार्यक्रमों में भी इनका प्रदर्शन कांग्रेस के लिए निराशाजनक ही रहा है।
दावेदारी में कौन-कौन
राजनांदगांव.. यहां कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के दावेदार सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में अब तक कांग्रेसियों ने संगठनात्मक रुप से अपनी अक्षमता का ही परिचय दिया है। वहीं यहां के दावेदारों में भी कुछ ऐसे नाम हैं जिन्हें फूलछाप कांग्रेसी माना जाता है। पूर्व महापौर विजय पांडे का नाम जिला ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए सामने आया है। पिछले महापौर चुनाव के दौरान उन पर ही आरोप लगे थे कि वे भाजपा से सेट हो गए थे। ये चुनाव वे हार गए थे। इसके अलावा जिला अध्यक्ष के लिए श्रीकिशन खंडेलवाल और जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेंद्र दास वैष्णव का नाम भी सामने आया है।
दूसरी तरफ शहर अध्यक्ष की कमान संभालने के लिए रुबी गरचा का नाम सुनाई दे रहा है। हालांकि मुदलियार खेमे ने अपने विश्वसनीय बाप्पी दत्ता का नाम बढ़ाया है। जबकि पूर्व पार्षद दिनेश शर्मा और बसंत बहेकर के नाम भी चर्चा में हैं।