रायपुर।
प्रदेश के बहुचर्चित आईएएस बाबूलाल अग्रवाल के प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा गंभीर कदम उठाया है। ईडी ने अग्रवाल के सीए रहे सुनील अग्रवाल के खिलाफ जुर्म दर्ज करा दिया है। मतलब साफ है कि बाबूलाल अग्रवाल अपने सीए को भी ले डूबे हैं। अग्रवाल के सीए पर आरोप है कि ग्रामीणों के नाम फर्जी खाते खुलवाकर उसमें करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई।
प्रवर्तन निदेशालय सेंट्रल एक्साइज के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से देवीदत्त साणंगी की रिपोर्ट पर पंडरी पुलिस ने सीए अग्रवाल पर भादंवि की धारा 467, 471 के तहत मामला दर्ज किया है।
काली को सफेद करने में मदद का आरोप
सीएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि सीए अग्रवाल पर 2009-10 में बाबूलाल की काली कमाई को सफेद करने में मदद करने का आरोप है। ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि सीए ने उनके नाम फर्जी बैंक खाते खुलवाए। इन 447 खातों के जरिए 39 करोड़ रुपए के घोटाले को अंजाम दिया। ग्रामीणों को आयकर विभाग का नोटिस मिला तब मामला खुला।
2010 में विभाग ने खरोरा में कैंप लगाकर ग्रामीणों से पूछताछ की। तब से ग्रामीण अपने नाम अकाउंट होने की सजा भुगत रहे थे और ईडी व आईटी विभाग का चक्कर काट रहे थे। इधर ईडी ने बाबूलाल की 36 करोड़ की संपत्ति हाल ही में जब्त की है। अग्रवाल घूस के लिए दलालों को रकम देने पर फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं।
सीए सुनील अग्रवाल पर आरोप है कि उसने राजीव नगर स्थित कार्यालय में खरोरा और आसपास के गांव के लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर पेन कार्ड बनवाए। फिर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया रामसागर पारा और पंडरी में बचत खाता खुलवाया। 447 खातों में रकम डालकर बाबूलाल के भाई की कंपनी प्राइम इस्पात लिमिटेड के शेयर खरीदे व बेचे गए। इसमें करीब 39 करोड़ की हेराफेरी की गई थी।