नेशन अलर्ट/रायपुर.
छत्तीसगढ़ की राजनीति जय और वीरू नाम की जोडि़यों के इर्द गिर्द घूमती रही है। पहले कांग्रेस में जय वीरू की जोड़ी हुआ करती थी लेकिन इस बार यह कांग्रेस नहीं भाजपा में नजर आएगी। भाजपा ने जय और वीरू की जोड़ी को पूरे प्रदेश का दौरा कराने का संभवत: मन बना लिया है। आने वाले दिनों में भाजपाई जय और वीरू की यह जोड़ी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पूरे प्रदेश में एक साथ निकल सकती है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस जब प्रदेश में विपक्ष में बैठा करती थी तब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे भूपेश बघेल को तब के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव का भरपूर साथ मिला था। दोनों की जुगलबंदी ऐसी थी कि इसे राजनीतिक हलकों में जय और वीरू की जोड़ी नाम देकर पुकारा जाने लगा। बघेल व सिंहदेव की इस जोड़ी ने तब प्रदेश में एक साथ न केवल अनगिनत सभाएं की थी बल्कि दोनों को लेकर कायस लगाए जाते थे कि सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री कौन होगा ?
जय और वीरू की जोड़ी का ही कमाल था कि कांग्रेस न केवल राज्य की सत्ता में वापस आई बल्कि उसने भाजपा को पूरे देश में सबसे बुरी हार झेलने मजबूर करदिया। राजनीतिक परिस्थिति ऐसी निर्मित हुई कि भूपेश बघेल प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए और स्वास्थ्य मंत्री बने टीएस सिंहदेव से उनकी खटपट चालू हो गई।
अब भाजपाई जोड़ी चर्चा में
वर्ष 2023 की अंतिम तिमाही में छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव तय हैं। इस चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को सुधारने के लिए भाजपा के आलाकमान ने निर्णय लिया कि यहां न केवल प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया जाए बल्कि नेता प्रतिपक्ष का भी नया चेहरा उतारा जाए। पार्टी के निर्णय के मुताबिक बिलासपुर सांसद अरूण साव भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बन गए जबकि नेता प्रतिपक्ष का दायित्व नारायण प्रसाद चंदेल को मिला।
अब इसे ही छत्तीसगढ़ में नये जय-वीरू की जोड़ी के नाम से पुकारा जाने लगा है। पहले कांग्रेस में तो अब भाजपा में यह जोड़ी हर पल खबरों के साये में रहती है। भाजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष साव और नेता प्रतिपक्ष चंदेल को एक साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों में दौरा कराकर कार्यकर्ताओं को उत्साही करना चाहती है।
हालांकि इसका कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि भाजपाई जय-वीरू की जोड़ी पितृ पक्ष की समाप्ति के बाद एक साथ प्रदेश के दौरे पर निकलेगी। दौरे का पहला चरण या तो बस्तर से प्रारंभ होगा या फिर सरगुजा से… अब देखना यह है कि भाजपाई जोड़ी प्रदेश में क्या गुल खिलाती है?