नेशन अलर्ट/दिल्ली/रायपुर.
कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा यह सवाल राजनीतिक हलकों में जिस तरह से तैर रहा है उस तरह से कई संभावनाएं तलाशी जा रही है। माना जाता है कि राहुल गांधी इस पद पर आसीन नहीं होना चाहते हैं और यही हाल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बताया जाता है। यदि दोनों नहीं माने तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कांग्रेस यह दांव खेल सकती है।
इन दिनों कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष के भरोसे चल रही है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी हैं जो कि पूर्व में वर्षों तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व संभाल चुकी हैं। सोनिया गांधी के बाद यह जिम्मेदारी उनके सुपुत्र राहुल गांधी ने संभाली थी लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उन्होंने अध्यक्ष का जो पद छोड़ा तो आज तक कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं मिल पाया।
20 सितंबर तक पूरा होना है चुनाव
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया रविवार से शुरू होने वाली है। यदि राहुल गांधी फिर से कमान संभालने की मंशा नहीं रखते हैं तो फिर क्या विकल्प होगा यह स्थिति कांग्रेस के सामने खड़ी हो जाएगी। कांग्रेस की परेशानी है कि उसे गांधी परिवार का बेहद विश्वसनीय चेहरा चाहिए जो कि कांग्रेस अध्यक्ष होने का दायित्व संभाल सके।
बताया जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 21 अगस्त से प्रारंभ होगी। इसे हर हाल में 20 सितंबर तक पूरा हो जाना चाहिए। केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री बताते हैं कि कांग्रेस कार्यसमिति को चुनाव की तिथि तय करनी है।
मिस्त्री कहते हैं कि हम अपनी ओर से पूरी तरह से तैयार हैं। मतदान के लिए डेलीगेट की सूची तय कर ली गई है। जब कार्यसमिति तय करेगी उस दिन चुनाव हो जाएगा। लेकिन महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अध्यक्ष बनेगा कौन ? इस पर मिस्त्री चुप्पी साध लेते हैं।
कांग्रेस के एक अन्य नेता हैं जो कहते हैं कि ज्यादातर नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावना यही है कि राहुल गांधी एक बार पुन: अध्यक्ष बनें लेकिन इसके लिए जरूरी है कि खुद वह तैयार हों। अपनी व्यक्तिगत जानकारी के आधार पर वे बताते हैं कि राहुल ने पद संभालने का कोई संकेत नहीं दिया है।
क्यूंकर उभरा भूपेश का नाम ?
वे कहते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के तुरंत बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राहुल ने पद छोड़ा था और उसके बाद विभिन्न मौकों पर उनसे अध्यक्ष बनने का आग्रह पार्टी कर चुकी है लेकिन उन्होंने कभी हां में जवाब नहीं दिया। अब अध्यक्ष के चुनाव की दिशा और दशा उनकी हां और ना पर ही निर्भर है।
जब उनसे पूछा गया कि यदि राहुल ने ना ही बोल दिया तब कांग्रेस किसे अध्यक्ष बनाएगी तो वैकल्पिक नामों पर वह बात करते हैं। सूत्रों के मुताबिक इसमें एक प्रमुख नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है लेकिन कहा जाता है कि वह मुख्यमंत्री का पद छोड़कर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने की रूचि नहीं रखते हैं।
गहलोत के बाद कुमारी शैलजा, मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी से लेकर मुकुल वासनिक तक कई अन्य नाम ऐसे हैं जिन पर विचार विमर्श किया गया है। सबसे चौंकाने वाला नाम इसमें उभरकर जो सामने आया है वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का है। उन्हें गांधी परिवार का भी वरदहस्त प्राप्त है।
भूपेश बघेल एक ओर राहुल गांधी व उनकी बहन प्रियंका गांधी से लेकर दूसरी ओर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी करीबी माने जाते हैं। इतनी नजदीकी है उनकी गांधी परिवार से कि वह गांधी परिवार के बेहद विश्वसनीय व्यक्ति कांग्रेस के भीतर और बाहर माने जाते हैं।
यदि भूपेश बघेल के सिर पर अध्यक्ष पद का ताज बैठता है तो वह भाजपा से उसी की भाषा में कहासुनी करते नजर आ सकते हैं। यह उनका एक प्लस प्वाइंट है। भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में जो करिश्मा अपने अध्यक्ष रहने के दौरान दिखाया था वही करिश्मा कांग्रेस उनसे राष्ट्रीय स्तर पर देखने की उम्मीद पाले हुए हैं।
…तो क्या भूपेश बघेल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं ? इस पर कांग्रेस और गांधी परिवार के नजदीकी रहे वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई भले ही कुछ ना कहें लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि कुछ लोगों का मानना है कि सोनिया गांधी अध्यक्ष बनी रहें और उनके साथ दो से तीन कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए जाएं जिसमें भूपेश बघेल का भी नाम शामिल है।
(क्रमश:)