नेशन अलर्ट/रायपुर।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने देश के आठ सहकारी बैंकों पर जुर्माना ठोक दिया है। इसमें छत्तीसगढ़ का राज्य सहकारी बैंक भी शामिल है जिस पर 25 लाख का जुर्माना किया गया है। दरअसल, यह कार्यवाही आरबीआई ने नियमों के उल्लंघन के मामले में की है।
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित पर हुई 25 लाख के जुर्माने की कार्यवाही में एक बार फिर इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले को ऐन विधानसभा चुनाव के पहले लोगों की जुबान पर ला दिया है। तब जब इंदिरा प्रियदर्शनी सरकारी बैंक में 54 करोड़ का कथित घोटाला हुआ था तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी।
आज जबकि आरबीआई ने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक पर 25 लाख का जुर्माना किया है तब राज्य में कांग्रेस की सरकार है। यह वही कांग्रेस है जिसने भाजपा सरकार के समय इंदिरा प्रियदर्शनी सहकारी बैंक में हुए कथित घोटाले पर बढ़चढ़ कर बातें की थी और दूध का दूध और पानी का पानी करने का भरोसा जनता से किया था।
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इंदिरा प्रियदर्शनीय बैंक घोटाले का अध्ययन कर रही सरकार
हालांकि कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बन गई लेकिन इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक के कथित घोटाले में शामिल रहे भाजपाइयों पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। तब कांग्रेस एक सीडी की बात करती थी जिसे बैंक के पूर्व प्रबंधक उमेश सिन्हा के नारको टेस्ट के दौरान तैयार किया गया था।
इसी सीडी में उमेश सिन्हा ने तब के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह सहित उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत जैसे लोगों तक करोड़ों रूपए पहुंचाने की बात कथित तौर पर कही गई थी। मामला उस समय चर्चा में रहे नान घोटाले से भी जोड़ा गया था। लेकिन चुनाव हुए सरकार बदली और यह मुद्दा भी दबकर रह गया। अब एक बार फिर सहकारी बैंक पर हुए जुर्माने ने उक्त घोटाले को पुनर्जीवित कर दिया है।