राजनांदगांव।
नंदई स्थित जसराज शांतिलाल बैद की फर्म मोहनी ज्वेलर्स एक बार फिर चर्चा में है। इसी ज्वेलर्स से केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क यानि कि सीबिक (सीबीआईसी) ने 1 मई को जब छापा डाला था तो उसे 32 लाख नगद सहित साढ़े चार किलो सोना और 5 टन चांदी मिली थी।
गत वर्ष मजदूर दिवस के दिन 1 मई को सीबीआईसी की टीम ने दोपहर तकरीबन 12 बजे जसराज शांतिलाल बैद के मकान में छापा मारा था। छापे की यह कार्यवाही तकरीबन तीन दिनों तक चली थी। इस अवधि में न तो किसी को घर के भीतर जाने दिया गया और न ही किसी को घर के बाहर आने की अनुमति मिली थी।
13 किलो सोना ने उगला था राज
उल्लेखनीय है कि तब राजधानी रायपुर में 13 किलो सोने के साथ चार आरोपी हिरासत में लिए गए थे। इनसे जब सीबीआईसी ने कठोरतापूर्वक पूछताछ की तो उसी दौरान एक नाम सामने आया था जसराज शांतिलाल बैद… इसी परिवार का है मोहनी ज्वेलर्स।
तब तीन गाडियों में सवार होकर तकरीबन दर्जनभर अधिकारी छापे की कार्यवाही को अंजाम देने मोहनी ज्वेलर्स पहुंचे थे। सीजी 04-5676 नंबर की जिस इनोवा व अन्य गाडियों में अधिकारी पहुंचे थे वह गाड़ी भारत सरकार की सेवा में लगी हुई थी।
राजनांदगांव के तत्कालीन एएसपी कविलास टंडन ने बताया था कि रायपुर से मिले इनपुट के आधार पर टीम ने छापा डाला था और उसे पांच टन चांदी, साढ़े चार किलो सोना सहित 32 लाख रूपए मिले थे। हालांकि इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में जाता नजर आया लेकिन इसी दौरान आज हुई कार्यवाही ने मोहनी ज्वेलर्स और फर्म के संचालक जसराज शांतिलाल बैद को एक बार पुन: चर्चा में ला दिया है।