नई दिल्ली।
केंद्र की भाजपा नीत वाली एनडीए सरकार जीएसटी और महंगाई के मुद्दे पर बाहरी विरोध के साथ ही अब आंतरिक विरोध भी झेलने जा रही है। जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद से उसे अपने पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के साथ ही वरूण गांधी जैसे अपने सांसद के धीर गंभीर सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि अब तक वरूण गांधी भाजपा में इकलौते ऐसे सांसद माने जाते थे जो कि सरकार को घेरने में लगे रहते थे। हाल फिलहाल उन्होंने जीएसटी की नई दर लागू होने पर एक ट्वीट किया था जिसमें वे कह रहे थे कि जनता को जब राहत देने का समय है तब उन्हें आहत किया जा रहा है।
वरूण को अब आरएसएस का भी समर्थन मिलता नजर आ रहा है। वरूण के इस ट्वीट के बाद संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा था कि देश की जनता बढ़ती महंगाई से परेशान है। वे यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए यह भी कहा कि मुद्रास्फीति और खाद्य कीमतों के बीच संबंध पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह होसबोले के अनुसार लोग चाहते हैं कि भोजन, कपड़ा और मकान जैसी उनकी बुनियादी चीजें सस्ती हो लेकिन इस पर महंगाई की मार पड़ रही है। जनहित के लिए इन चीजों को सस्ता किया जाना चाहिए लेकिन इस बात का भी ध्यान रखा जाना जरूरी है कि किसानों पर इसका असर न हो।