रायपुर।
छत्तीसगढ़ की फिज़ा इन दिनों बदली बदली सी नज़र आती है। एक तरफ राज्य सरकार कई लोककल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार अपनी योजनाओं के बेहतर तरीके से क्रियान्वयन पर तीक्ष्ण नज़र रखे बैठी है। केंद्र और राज्य के बीच यहां होने वाली आला अधिकारियों की पदस्थापना पर भी टकटकी लगाए खबरची बैठे हुए हैं।
इसी तरह के खबरची बताते हैं कि एक आईपीएस की पोस्टिंग इन दिनों चर्चा का विषय है। बताए अनुसार पता चला है कि ये आईपीएस राज्य में जब सत्ता बदली थी तब नई सरकार के साथ सामंजस्य नहीं बना पा रहा था। तब उक्त आईपीएस ने केंद्र का रुख अख्तियार कर लिया था।
बीते दो-तीन सालों में भले ही छत्तीसगढ़ की नदियों में हजारों लाखों-लीटर पानी बह गया हो लेकिन राजनीतिक परिस्थिति केंद्र और राज्य के बीच उठा-पटक की ही नज़र आती है। यह उठापटक कई मामलों में बेहद गंभीर हो जाती है। कुछेक मर्तबा केंद्र तेवर दिखाता है तो राज्य सरकार कई बार अपनी आंखे तरेरती है।
आंखे तरेरने और तेवर दिखाने के बीच जो सामंजस्य बना ले जाता है वह बढि़या से बढि़या पदस्थापना अर्जित करता है यह उक्त आईपीएस की पोस्टिंग ने जाहिर कर दिया है। क्या पुलिस अधीक्षक और क्या पुलिस महानिरीक्षक… सभी में आईपीएस की तूती बोल रही है।
एक रेंज से दूसरे रेंज में आईपीएस की खुशबू फैल रही है। जब खबरचियों ने खुशबू फैलने के कारण का पता लगाना प्रारंभ किया तो जो कुछ उन्हें मिला वह चौंकाने वाला ही था। उक्त आईपीएस के भाई बंध इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी बताए जाते हैं। अब चूंकि इनके नाते रिश्तेदार आईटी में अफसर की पोस्ट रखते हैं इस कारण इन्हें भी एक के बाद एक रेंज पर रेंज मिले जा रही है। मतलब साफ है कि आईपीएस की सफलता में आईटी कनेक्शन का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है।