महाविद्यालय अतिक्रमण की चपेट में, सीमांकन कराए जाने की मांग
राजनांदगांव। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला इकाई के द्वारा राजा महंत दिग्विजयदास महाविद्यालय भवन व शिक्षण संस्था परिसर हेतु उसे प्राप्त भूमि के सीमांकन किए जाने की मांग को लेकर नगर मंत्री अक्षत कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक ज्ञापन जिलाधीश संजय अग्रवाल को सौंपा गया।
उल्लेखनीय हो किए साहित्यिक तपोभूमि नगरी राजनांदगांव में संचालित इस महाविद्यालय को स्थापित किए जाने हेतु यहां के रियासतकालीन महाराजा महंत दिग्विजयदास जी के द्वारा दान में भूमि दी गयी थी, जिस पर आज यह शिक्षण संस्था संचालित है। दान में प्राप्त इस संस्था की भूमि का एक लंबी अवधि से सीमांकन नहीं कराया गया है, जिससे कि वर्तमान समय में भूमि की वास्तविक स्थिति से अनभिज्ञता की स्थिति है।
गौरतलब हो, कि दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव राजगामी सम्पदा की धरोहर नांदगांव रियासत के राजा महंत दिग्विजयदास जी की महत्वाकांक्षी इच्छा कि, यहां शिक्षा का केंद्र बनेए उन्होंने अपना महल व भूमि शिक्षा मण्डल को दान में दी थी, परंतु महाविद्यालय के वाहन पार्किंग स्थल का एक बड़ा हिस्सा अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है और महाविद्यालय के विद्यार्थियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विद्यार्थी परिषद के द्वारा दिग्विजय महाविद्यालय की भूमि के शीघ्र ही सीमांकन कराए जाने की माँग की गयी है।
ज्ञापन सौंपे जाने के समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री अक्षत कुमार श्रीवास्तव, चंदना श्रीवास्तव, धनंजय पांडे, प्रतीक गढ़वाल, भूपेंद्र पाल, निकिता श्रीरंगे आदि उपस्थित थे।
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