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क्या महिला पार्षद को निगम अध्यक्ष बनाएगी भाजपा ? – Nation Alert

क्या महिला पार्षद को निगम अध्यक्ष बनाएगी भाजपा ?

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नेशन अलर्ट/9770656789

राजनांदगाँव.

नगर निगम राजनांदगाँव का अध्यक्ष कौन होगा ? पुरुष भाजपा पार्षद अथवा महिला भाजपा पार्षद में से किसकी किस्मत चमकेगी ? यह सवाल इन दिनों शहरवासियों के जेहन में तैर रहा है लेकिन ज्यादा सँभावना किसी महिला पार्षद को यह पद देने की नज़र आती है और वह भी सामान्य वर्ग से होगी.

दरअसल, राजनांदगाँव नगर निगम के महापौर का पद इस मर्तबा सामान्य वर्ग के पुरूष के लिए आरक्षित था. बावजूद इसके पिछड़ा वर्ग से आने वाले पूर्व महापौर, पूर्व साँसद मधुसूदन यादव को टिकट दी गई. मधु भारी भरकम मतों से जीतकर महापौर बन तो गए लेकिन अब आँतरिक राजनीति और समीकरणों को सँभालना पड़ रहा है.

मधु का विरोध था, तर्क दिया गया . . .

भाजपा की भीतर तक जानकारी रखने वालों पर भरोसा करें तो मधुसूदन यादव को महापौर प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध अँतिम क्षण तक किया गया था. बात प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन जोकि बिहार सरकार में मँत्री हैं, के कानों तक पहुँचाई गई थी.

चूँकि वह बिहार से आते हैं इस कारण जातिगत समीकरण और उसके महत्व को बेहद बेहतर तरीके से समझते भी हैं. पार्टी के सूत्र बताते हैं कि इस बारे में उन्होंने राष्ट्रीय सह सँगठन महामँत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय सँगठन महामँत्री अजय जामवाल, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, प्रदेश महामँत्री (सँगठन) पवन साय के साथ साथ विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह से भी रायशुमारी की थी.

चूँकि डा. रमन 15 साल प्रदेश के मुखिया रह चुके हैं इस कारण उनकी बातों को गँभीरता से लिया गया. उल्लेखनीय है कि रमन, राजनांदगाँव के स्थानीय विधायक भी हैं. उनकी तरफ से दिए गए तर्क मान्य किए गए और उसी आधार पर मधुसूदन को महापौर उम्मीदवार बनाया गया था.

मधु के पक्ष में यह तर्क दिया गया था कि भले ही महापौर का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हैं लेकिन पिछड़ा वर्ग से उम्मीदवार उतार कर इस वर्ग के मतदाताओं के नाराज होने से बचा जा सकता है. इसका फायदा चुनाव में जरूर मिलेगा, नहीं तो जातिगत समीकरण गड़बडा़ जाएँगे.

ऊपर के पदाधिकारियों को यह बताया गया था कि राजनांदगाँव जिला अथवा सँसदीय क्षेत्र सामान्य वर्ग से ओवरलोड है. तर्क था कि साँसद सामान्य वर्ग का, प्रभारी मँत्री सामान्य वर्ग का, स्थानीय विधायक सामान्य वर्ग, जिला अध्यक्ष व महामँत्री सामान्य वर्ग के ही हैं. ऐसे में पिछड़ा वर्ग के मधुसूदन को टिकट देनी चाहिए और दी भी गई.

सामान्य वर्ग की सीट पर पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशी को लेकर भाजपा में थोडी़ नाराजगी शुरू में दिखाई दी थी लेकिन बाद में पार्टी के अनुशासन के चलते सभी ने एकजुट होकर मधुसूदन यादव को जिताने के लिए काम भी किया. इसके उलट निखिल द्विवेदी के रूप में ब्राह्मण उम्मीदवार उतारने वाली काँग्रेस भी मधुसूदन यादव की साम दाम दँड़ भेद की नीति में उलझ कर रह गई.

नतीजा 68 हजार 551 मत प्राप्त करने वाले पूर्व महापौर और साँसद मधुसूदन यादव नगर के प्रथम नागरिक चुन लिए गए. उन्होंने काँग्रेसी निखिल को 44 हजार 455 मतों से परास्त किया. निखिल द्विवेदी को महज 24 हजार 96 मत ही मिल पाए.

लेकिन अब फिर जातिगत समीकरण के अलावा क्षेत्र व पुरुष और महिला के सवाल का सामना भाजपा को करना पड़ रहा है. महिलाओं को एक तरह से भाजपा ने साध लिया है. बीते विधानसभा व लोकसभा चुनाव इसके उदाहरण हैं.

दोनों चुनावों में महिला मतदाताओं ने भाजपा के लिए भर भरके वोट किए थे. इसका फायदा भाजपा और महिला मतदाताओं को मिला भी है, और मिल भी रहा है. अब चूँकि निगम चुनाव में भी महिला मतदाताओं की कृपा भाजपा पर बरसी है इस कारण उसे भी खुश करने की सोच भाजपा की होगी.

हालाँकि पारस वर्मा की जीत बडी़ है लेकिन महापौर चुने गए मधुसूदन यादव के निवास से उनके वार्ड की दूरी मायने रखती है. ज्ञात हो कि पारस ने ठाकुर प्यारेलाल सिंह वार्ड क्रमांक 16 से 2 हजार 167 मतों से काँग्रेस के कर्तव्य देवांगन को हराया है. पारस को कुलजमा 2 हजार 458 वोट मिले थे.

यही हाल पहले निगम अध्यक्ष का दायित्व सँभाल चुके शिव वर्मा का है. महारानी लक्ष्मीबाई वार्ड क्रमांक 10 से शिव 527 मतों से पुनः पार्षद निर्वाचित हुए हैं. वर्मा को 1434 मत मिले थे. काँग्रेस के अमर झा महज 907 मत प्राप्त कर पाए थे.

लेकिन जातिगत समीकरण और क्षेत्र दोनों के आडे़ आ रहा है. पटरी पार और शहरी इलाके का ध्यान अलग से रखना पड़ रहा है. इस कारण भाजपा इस बार किसी महिला पार्षद को निगम अध्यक्ष बना सकती है.

दरअसल, कुलजमा 15 महिला पार्षद भाजपा के खेमें से चुनकर निगम पहुँची हैं. 51 पार्षदों वाले नगर निगम में भाजपा के 39 पार्षद चुने गए हैं. मतलब 76. 47 प्रतिशत सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है. उस पर भी निगम के कुल पार्षदों में से 29.41 व भाजपाई पार्षदों में से 38.46 फीसद सीटों पर महिला भाजपा पार्षद जीतकर आईं हैं.

अब इनमें से ही किसी को निगम अध्यक्ष बनाकर भाजपा महिला मतदाताओं को भी सँतुष्ट करने का प्रयास कर सकती है. और यदि वह सामान्य वर्ग से हो तो सोने पर सुहागा हो जाएगा. बहरहाल, पार्टी का मँथन इस पर चल रहा है.

भाजपा की महिला पार्षदों की सूची :

वार्ड 5 चिखली : श्रुति लोकेश जैन

वार्ड 7 महात्मा गाँधी : तृप्ति पात्रे

वार्ड 9 शंकरपुर : अपूर्वा श्रीवास्तव

वार्ड 19 वर्धमान नगर : रेखा पारख

वार्ड 21 रेवाडीह : बीना ध्रुव

वार्ड 22 स्टेडियम : श्रीमती प्रियंका कुरंजेकर

वार्ड 25 सूर्यमुखी देवी : वर्षा शरद सिन्हा

वार्ड 26 सुभाष वार्ड : झमित नादान सेन

वार्ड 31 जनता कालोनी : रीना सिन्हा

वार्ड 32 सँजय नगर : गिरजा निर्मलकर

वार्ड 36 सेठीनगर : चँद्रिका साहू

वार्ड 38
दिग्विजयदास : मणिभास्कर गुप्ता

वार्ड 40 गुरू घासीदास :
श्रीमती केवरा राय

वार्ड 42 राजीव नगर : अमृता सिन्हा

वार्ड 43 सर्किट हाउस : खेमिनबाई.