पसीना नहीं पानी की तरह बह रहा पैसा !
नेशन अलर्ट/9770656789
राजनांदगाँव.
सँस्कारधानी का एक वार्ड है जहाँ पसीना नहीं बल्कि पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है. यह सब पार्षद बनने की चाह में किया जा रहा है. काँग्रेस और भाजपा के दमदार प्रत्याशियों की मौजूदगी के बीच उतने ही सक्षम निर्दलियों ने चुनाव को रोचक बना दिया है.
भारत माता चौक के आसपास का इलाका इस रोचक चुनाव को बडी़ गँभीरता से, शालीनता से देख रहा है. कौन किसे वोट करेगा यह अभी परखा जा रहा है.
वार्ड क्रमांक 37 यानिकि महावीर वार्ड से काँग्रेस ने अँकेश बाफना को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने युवा चेहरे जैनम बैद को मैदान में उतारा है.
हालाँकि दोनों प्रत्याशी अपनी अपनी जीत के लिए हरसँभव कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन इनकी परेशानियों को स्वतंत्र उम्मीदवारों ने बढा़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोडी़ है.
आशीष गाँधी को सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह मिला हुआ है. इन्हें भाजपा से जुडा़ बताया जाता है. महेंद्र बहादुर सिंह कल तक काँग्रेस से जुडे़ थे लेकिन आज वह भी मैदान में है.

राजनांदगाँव के प्रसिद्ध होम्योपैथी के चिकित्सक स्वर्गीय पृथ्वीपाल सिंह के सुपुत्र महेंद्र टिकट की माँग पूरी नहीं होने पर स्वतंत्र मैदान में कूद पडे़. वह बल्ला छाप से ताल ठोंक रहे हैं.
राजू ओस्तवाल के नाम से सँस्कारधानी में एक दिव्याँग हुआ करते थे. काँग्रेस भाजपा के छोटे बडे़ नेताओं में राजू बडे़ लोकप्रिय थे. इसी परिवार के अब नरेश जैन ( ओस्तवाल ) आरी चुनाव चिन्ह लेकर भाजपा-कांग्रेस की चुनावी सँभावनाओं को काट रहे हैं.
बहरहाल, नेशन अलर्ट से बातचीत में चुनाव विश्लेषक हेमंत ओस्तवाल कहते हैं कि यहाँ काँटे की टक्कर है. कोई भी जीत का दावा नहीं कर सकता.
हेमंत कहते हैं कि पहले जैनम अच्छी स्थिति में रहे होंगे लेकिन बीते दो दिनों में काँग्रेस ने जमीनी कार्यकर्त्ताओं की मेहनत से अपनी स्थिति बेहतर कर ली है. उनके मुताबिक अब अँकेश ऊपर आ गए हैं.
चुनाव विश्लेषण करते हुए हेमंत कहते हैं कि यहाँ पसीना नहीं बल्कि पैसा बहाया जा रहा है. नरेश जैन भले ही पैसे में पीछे हों लेकिन सँबँधों में वह 19 नहीं हैं. मतलब साफ है कि आरी किसे कितना काटेगी ?