ऐसा कोई भी अक्षर नहीं है, जिसमें मंत्र बनने का सामर्थ ना हो : समतासागर महाराज
डोंगरगढ़। श्री दिगंबर जैन चंद्रगिरी अतिशय महातीर्थ क्षेत्र में 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी कि समाधी स्थली में 108 निर्यापक श्रमण श्री समतासागर महाराज जी ने कहा कि ऐसा कोई भी अक्षर नहीं है, जिसमें मंत्र बनने का सामर्थ न हो। वर्णमाला के जितने भी अक्षर हो देशी-विदेशी ऐसा कोई भी अक्षर नहीं है, जिसमें मंत्र बनने का सामर्थ न हो। किसी में अच्छाइयां ज्यादा हो सकती है, किसी में बुराइयां ज्यादा हो सकती है, लेकिन बुराइयां ज्यादा होने के बाद भी कोई न कोई अच्छाई उसके पास हो सकती है। हमारे गुरुदेव एक ऐसे कुशल पारखी थे, जो अच्छाई में से अच्छाई तो निकालते ही थे, कभी-कभी बुराइयों में से भी अच्छाइयां निकाल लेते थे, उनके चरणों में आने वाला व्यक्ति कभी निराश होकर नहीं गया। आने वाले दिनों में 1 से 6 फरवरी तक आयोजन है। आयोजन में विशेष प्रयोजन है-गुरुवर ने घोर उपसर्ग सहन करके इतनी प्रतिकुलता में भी इतनी उत्कृष्ट समाधि, इतनी जागृत समाधि, अपना आदर्श प्रस्तुत किया है, उस साधना के लिये हम अर्घ्य समर्पित करेंगे। इसलिए जो जहां भी है अपने सारे कार्य को गौण करके सारे कार्यक्रमों को निरस्त करके एक लक्ष्य डोंगरगढ़ चंद्रगिरी पधारने का बनाना है और आराधना के रूप में सिद्ध चक्र मंडल विधान में लाभ ले। इस अवसर पर मुनि श्री आगम सागर महाराज एवं मुनि श्री पुनीत सागर महाराज, ऐलक श्री धैर्य सागर महाराज ऐलक श्री निश्चयसागर महाराज ऐलक श्री निजानंद सागर महाराज सहित आर्यिका गुरुमति माताजी, आर्यिका दृणमति माताजी सहित बड़ी संख्या में आर्यिकायें मौजूद थी। माताजी ससंघ के साथ भोपाल से पद विहार कर जो लोग चाद्रगिरी आये थे, उनको तिलक लगाकर श्रीफल-मोमेंटो भेंटकर अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन, निर्मल जैन, सुभाष चंद जैन, चंद्रकांत जैन, सप्रेम जैन, डोंगरगढ़ जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन, कोषाध्यक्ष जय कुमार जैन, सचिव यतीश जैन, सुरेश जैन, निशांत जैन, विद्यातन पदाधिकारी निखिल जैन, दीपेश जैन, अमित जैन, सोपान जैन, जुग्गू जैन, यश जैन, प्रतिभास्थली के अध्यक्ष पप्पू भैया सहित समस्त पदाधिकारियों ने उनका सम्मान किया। विद्यातन के अध्यक्ष विनोद बडजात्या ने बताया कि 1 फरवरी से 6 फरवरी 2025 तक होने वाले प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव कि पूर्ण रूपरेखा बना ली गयी है, जिसमें सभी साथियों को कार्यविभाजन कर आवास, यातायात, भोजन, सिक्यूरिटी आदि व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गयी है एवं देश-विदेश के सभी लोगों से करबद्ध निवेदन किया है कि सभी उक्त कार्यक्रम में अपनी गरिमामयी उपस्तिथि दर्ज कर धर्म लाभ लेवे। उक्त जानकारी निशांत जैन (निशु) द्वारा दी गयी है।
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