सीईओ जिला पंचायत को राज्य स्तरीय समारोह में स्पेशल अवार्ड से किया गया सम्मानित

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राजनांदगांव। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर आज विवेकानंद सभागृह इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह को स्पेशल अवार्ड (स्वीप) से सम्मानित किया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर पुरस्कृत किया।
उल्लेखनीय है कि निर्वाचन कार्यों का उत्कृष्ट संपादन, मतदान प्रतिशत में वृद्धि एवं जागरूकता कार्यक्रमों के सफल संचालन के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजनांदगांव सुश्री सुरूचि सिंह को सम्मानित किया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सीईओ ने बेहतरीन तरीके से अपना दायित्व निभाया, जिसके सुखद परिणाम रहे और वर्ष 2024 के लोकसभा निर्वाचन में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई।
मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों का सफल संचालन, स्वस्थ मतदाता सूची और सुलभ चुनावों के कारण चुनावी भागीदारी में ऐतिहासिक 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। राजनांदगांव जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें से 3 निर्वाचन क्षेत्र (74-डोंगरगढ़ 76-डोंगरगांव और 77-खुज्जी) नक्सल प्रभावित क्षेत्र माने जाते हैं। राजनांदगांव के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में बड़े शहरी क्षेत्र भी है। स्वीप राजनांदगांव ने कोई मतदाता न छूटे इस दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, जहां प्रत्येक व्यक्ति को न केवल जिला प्रशासन द्वारा बल्कि बड़े पैमाने पर समुदाय द्वारा लक्षित और शामिल किया गया। परिणामस्वरूप, मतदान प्रतिशत 77.29 (लोकसभा निर्वाचन 2019) से बढ़कर 80.09 प्रतिशत (लोकसभा निर्वाचन 2024) हो गया, जो 28 प्रतिशत की वृद्धि है।
जिले का लोकसभा निवार्चन मतदान प्रतिशत 77.29 प्रतिशत (लोकसभा निर्वाचन 2019) से बढ़कर 80.09 प्रतिशत (लोकसभा निर्वाचन 2024) हो गया, जो 2.8 प्रतिशत की वृद्धि है। छत्तीसगढ़ में चुनाव के दूसरे चरण में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत होने के अलावा, यह 80 और उससे अधिक मतदान प्रतिशत वाले जिलों की तुलना में सबसे अधिक वृद्धि (2.8) दर भी थी। कुछ महीने पहले ही, विधानसभा चुनाव 2023 में मतदान प्रतिशत में थोड़ी कमी आई थी। सभी क्षेत्रों से लोग मतदान करने आए, चाहे वह प्रसव से ठीक पहले गर्भवती महिलाएं हों या शादी के परिधानों में कई जोड़े, या घर आजा संगी के कारण वापस आए प्रवासी श्रमिक या यहां तक कि 100 साल के मतदाता भी मतदान करने पहुंचे। बहिष्कार की धमकी वाली पंचायतों में कई बार स्वीप संगोष्ठियों की गई, जिसके परिणामस्वरूप बहिष्कार की धमकी वाली पंचायतों में क्रमशः 82 और 84 मतदान रहा। स्वीप राजनांदगांव का कोई मतदाता न छूटे दृष्टिकोण चुनावी भागीदारी के लिए सामुदायिक आंदोलन बनने में सफल रहा।
स्वीप गतिविधियों की योजना बनाकर 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में, पिछले 2018 के विधानसभा चुनावों की तुलना में मतदान प्रतिशत में लगभग 1. 5 प्रतिशत की कमी आयी। यह जिला स्वीप टीम के लिए एक बड़ी चुनौती थी। इसलिए स्वीप टीम ने कम मतदान वाले मतदान केंद्रों के पीछे के कारणों पर गहन और केंद्रित योजना बनाई, एक व्यापक स्वीप कैलेंडर का मसौदा तैयार किया और विशेष रूप से कम मतदान वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न नोडल बनाए। इसके अलावा, स्वीप टीम ने सुझाव लेने के लिए हितधारकों की कई बैठकें की। ऐसी ही एक बैठक में यह सुझाव दिया गया कि संसदीय चुनावों के प्रति मतदाताओं की उदासीनता को दूर करने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर स्वीप संगोष्ठी होनी चाहिए। उन्हें संसद का महत्व, सांसदों की भूमिका के बारे में समझाया जाना चाहिए। हालांकि राजनांदगांव में स्वीप 2024 ने पूरे समुदाय का दृष्टिकोण अपनाया, जिसमें किसी भी हितधारक और मतदाता को पीछे नहीं छोड़ा गया।
जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में मतदाता सूची को और अधिक मजबूत बनाया गया। 2024 के पहले पुनरीक्षण के दौरान 27036 मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया। पहली बार मतदाताओं पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया। 2023 के पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण के बाद से 28320 पहली बार मतदाता पंजीकृत हुए।
घर आजा संगी अर्थात घर आओ साथी स्वीप टीम द्वारा चलाया गया एक कार्यक्रम था और यह राजनांदगांव में सफल साबित हुआ। प्रत्येक मतदान केन्द्र के बीएलओ द्वारा प्रवासी मजदूरों को वीडियो कॉल की गई। यहां बीएलओ ने मतदाताओं को वापस आकर मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रवासी मजदूरों को 3000 से अधिक फोन कॉल किए गए, जिनमें से 2200 से अधिक मतदाता मतदान करने के लिए वापस आए। उनका तिलक और गुलदस्ते के साथ स्वागत किया गया। स्वीप बियॉन्ड बॉडर्स छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर आयोजित एक विशाल रैली थी, जिसका उद्देश्य एक दूसरे के राज्य के प्रवासी मजदूरों को लक्षित करना था, जो मतदान करने के लिए सीमा पार करते हैं।
सभी ग्राम पंचायतों में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा स्वीप संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। शहरी आबादी को लक्षित करने के लिए कई कार्यक्रम किए गए, जैसे स्वीप महोत्सव जिसमें एक संगीत समारोह, रैपर द्वारा प्रदर्शन, नाटक और नृत्य शामिल थे। फिट राजनांदगांव फिट वोटर्स कार्यक्रम में शहरी फिटनेस प्रेमियों के लिए डांस फिटनेस क्लास शामिल थी। मैराथन, खेल आयोजन और बाइक रैलियां बड़े पैमाने पर आयोजित की गई। इनके अलावा, मूवी थिएटर से लेकर हाईवे अंडर ब्रिज, रेलवे और यहां तक कि कचरा वाहनों के माध्यम से भी स्वीप संदेश, पोस्टर, स्टिकर, जिंगल हर जगह लगाए गए।
महिलाएं अपने परिवारों के व्यवहार में बदलाव लाती हैं। इसलिए, स्वयं सहायता समूह को बड़े पैमाने पर शामिल किया गया। 9500 एसएचजी की 2 लाख महिलाएं गहन रूप से शामिल थी। दीप विसर्जन, मानव रचना और रंगोली प्रतियोगिताएं बड़े पैमाने पर की गई। अधिकांश मनरेगा कर्मचारी और अधिकांश बीएलओ महिलाएं हैं, उन्होंने दूसरों को वोट डालने के लिए सहमत करने में अविश्वसनीय भूमिका निभाई।
स्वीप युवोत्सव का आयोजन बीपीओ केंद्र में किया गया, जहां कई स्थानीय युवा काम करने आते हैं। युवाओं को चुनावी साक्षरता क्लबों, उनके कॉलेजों में स्वीप कार्यक्रमों के माध्यम से कई तरीकों से शामिल किया गया।
वृद्धजन सम्मान, दिव्यांगजन सम्मान जैसे कार्यक्रम किए गए। सभी मतदान केंद्रों में दिव्यांग रथ चलाए गए। गर्भवती, दिव्यांग, वरिष्ठ, घायल मतदाताओं और छोटे बच्चों वाले मतदाताओं तक सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए ग्रीन चौनल को अच्छी तरह से लागू किया गया। सुलभ मतदान केंद्रों को सुनिश्चित करने के लिए एनएसएस, एनसीसी और स्काउट्स को नियुक्त किया गया।
दूसरे चरण के चुनावों की मुख्य चुनौतियों में से एक अप्रैल की असहनीय गर्मी थी और साथ ही 26 अप्रैल की तारीख को कई शादियां तय की गई थी। कई अनोखे उपाय लागू किए गए। गर्मी से बचने के लिए कूलर लगाए गए, सभी मतदान केंद्रों में ओआरएस कॉर्नर स्थापित किए गए। मतदाताओं को पानी, ओआरएस, रसना परोसा गया। क्रेच और वेटिंग रूम की सुविधा भी स्थापित की गई। अप्रैल की गर्मी से बचने के लिए टेंट और प्राकृतिक शेड बनाए गए थे।

(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)