नहर पर कब्जा : फाइलों में कैद हो गई शिकायत

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नेशन अलर्ट/9770656789

राजनांदगाँव.

नहर पर कब्जे की शिकायत पहले फाइलों में कैद कर दी गई. और जब फाईल पर धूल इस हद तक जम गई कि उस ओर किसी का भी ध्यान न जाए तो तब उस जमीं को बेचने की तैयारी की जाने लगी है जोकि न केवल शासकीय है बल्कि उस पर नहर भी है (थी).

दिनाँक 17 फरवरी 2023 . . . यह वही तारीख थी जब कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी, जल सँसाधन उप सँभाग क्रमांक दो राजनांदगाँव से एक पत्र जारी होता है.

पत्र राजनांदगाँव निवासी किन्हीं अजेश गुप्ता के नाम से प्रेषित था. अजेश को पत्र में गुप्ता कृषि प्लाट से जुडा़ बताया गया था. प्रतिलिपि अपने वरिष्ठ कार्यालय के साथ साथ राहुल साहू व ग्रामीणों को भेजी दर्शाई गई थी.

ग्रामीणों को बूचीभरदा का बताया गया था. ज्ञापन क्रमांक 129 के मुताबिक लिखे गए पत्र में ग्रामीणों द्वारा 13 फरवरी 2023 को की गई शिकायत का उल्लेख था.

निरीक्षण के अलावा कुछ नहीं हुआ . . .

अजेश गुप्ता को प्रेषित पत्र का मजमून कुछ इस प्रकार का था कि उनके द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा कर लिया गया था. पत्र में अमीन (पटवारी) के 15 फरवरी 23 को स्थल निरीक्षण का उल्लेख था.

इस सँदर्भ में लिखा गया था कि अजेश गुप्ता द्वारा दो स्थानों पर नहर को पार करते हुए फेंसिंग की गई है. इससे नहर पार आने – जाने का रास्ता बँद होने का वर्णन था.

पत्र में शासकीय नहर / भूमि पर बिना सूचना / अनुमति के कार्य कराए जाने का भी उल्लेख था. इसे अतिक्रमण / अपराध की श्रेणी का बताया गया था.

विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में अजेश गुप्ता को निर्देश दिए गए थे कि वह शासकीय भूमि से अपनी फेंसिंग हटा ले. इसके लिए उसे तीन दिन की मोहलत दी गई थी.

फेंसिंग हटाने के बाद उसे विभाग को सूचित भी करना था. लेकिन न तो उसने ऐसा किया होगा और न ही विभाग ने आगे इस मसले पर कोई ध्यान दिया होगा.

एक फाईल तैयार जरुर हो गई लेकिन उसे धूल फाँकने रख दिया गया. जब उस पर इतनी धूल चढ़ गई कि उस ओर किसी का भी ध्यान ही नहीं जाए तब उसी जमीन को बेचने की कोशिश की खबर है. देखते हैं आगे होता है क्या . . ?

हालाँकि इस सँबँध में अजेश कौन है यह पता करने का प्रयास किया जा रहा है. “नेशन अलर्ट” विभागीय अधिकारियों से सँपर्क करने की कोशिश में है. जैसे ही बातचीत हो पाएगी वैसे ही आगे क्या कुछ हुआ इस पर खबर बनाई जाएगी.