राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से ऋण लेकर व्यवसाय में मिल रहा लाभ
राजनांदगांव। हितग्राही मूलक राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत संचालित योजनाओें के तहत ऋण लेकर अपना व्यवसाय कर महिला पुरूष एवं समूह आत्म निर्भर बन रहे है। आज के समय में लोगों की सबसे बड़ी समस्या आजीविका की है। कोरोना महामारी के बाद यह समस्या विकराल हो गयी है। बहुत से परिवारों के समक्ष आजीविका चलाना कठिन हो गया है। क्योंकि कोरोनाकाल में कई लोग अपने व्यवसाय व नौकरी को खो चुके है और तंगहाल जीवन व्यतित कर रहे है। ऐसी परिस्थिति में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत संचालित योजनाओं का सहारा लेकर लोग फिर से आत्मनिर्भर बन अपने परिवार का कुशलता से भरण-पोषण कर रहे है।
राजनांदगांव नगर निगम द्वारा शासन की राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को दिया जा रहा है। जिले के परियोजना अधिकारी एवं निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा द्वारा योजना के संचालन के संबंध में दिशा निर्देश दे रहे है। योजना के प्रभारी जार्ज मोरिस एवं सामुदायिक संगठक विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये महिला समूह एवं नागरिकों को प्रशिक्षण व लोन देकर आत्मनिर्भर बना रहे है। संचालित योजनाओं में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत तीन प्रकार के ऋण लोगों को दिया जा रहा है, जिसमें व्यक्तिगत ऋण में 50 हजार से 2 लाख तक ऋण दिया जाता है, जिसमें हितग्राही अपने व्यवसाय को बडा या शुरू कर सकते है। समूह ऋण 1 लाख से 10 लाख तक दिया जाता है, जिसमें महिला समूह ऋण लेकर अपना व्यवसाय कर सकते है। इसी प्रकार बैंक लिंकेज में 50 हजार से 5 लाख रूपये तक ऋण लेने का प्रावधान है, जिसमें ऋण लेकर छोटा बडा व्यवसाय कर सकते है। उक्त योजना के माध्यम से शहरी गरीब अपना व्यवसाय प्रारंभ कर आत्म निर्भर बन रहे है।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजनांतर्गत प्रधानमंत्री खाद्य योजना में माईक्रो फायनेंस (पीएफएमई) अंतर्गत गौरीनगर की शिव महिला स्व सहायता समूह ने 1 लाख 20 हजार रूपये ऋण लेकर पुराना बस स्टैंड में होटल खोली लाभ अर्जित कर अपने परिवार का अच्छे से पालन पोषण कर रही है। महिला समूह की महिलाओं ने बताया कि मुझे राष्ट्रीय शहरी अजीविका मिशन अंतर्गत संचालित इस योजना के बारे में गौरी नगर की सामूदायिक संगठक द्वारा जानकारी दी गयी और ऋण के बारे में विस्तार से समझाया गया, उनके द्वारा आवेदन भराकर हमें 1 लाख 20 हजार रूपये संगवारी क्षेत्र स्तरीय संगठन के माध्यम से दो चरणों में ऋण दिया गया, जिससे प्रथम चरण में 60 हजार रूपये दिया गया, जिससे पुराना बस स्टैंड में हमारे द्वारा होटल खोला गया। होटल से आमदनी प्राप्त कर चुकौती करने के पश्चात पुनः 60 हजार रूपये दिया गया। इस प्रकार 1 लाख 20 हजार से हमारा होटल बहुत अच्छे से चलने लगा और हमे प्रतिदिन सभी खर्चे के पश्चात 1 हजार से अधिक रूपये की शुद्ध आमदनी होने लगी, जिससे हम आत्म निर्भर बने और हम बैंक का ऋण आदायगी के बाद भी बचत कर अपने परिवार का पालन पोषण कर आर्थिक रूप से अपने आप को मजबूत कर रहे है।
(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)