गीता उपदेश के साथ रेंगाकठेरा शिव महापुराण कथा का हुआ समापन
राजनांदगांव। रेंगाकठेरा मे कथा के आखरी दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने आचार्य पं. युवराज पाण्डेय के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया गया। जगन्नाथ आरती और देवी जसगीत के साथ किया गया।
आचार्य पं. युवराज पाण्डेय ने अपने आखरी दिन की कथा में भगवत गीता का उपदेश देते हुए बताया कि जिस समय कुरूक्षेत्र के मैदान पर कौरवो और पांडवों का युद्ध होने वाला था, इस समय शंखनाद होने के बाद अर्जुन अपने गांडीव धनुष के साथ ही व्याकुल हो उठते हैं, तब जाकर भगवान श्री कृष्ण कुरूक्षेत्र के बीच मैदान में अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए ज्ञान योग, कर्म योग और भक्ति योग का उपदेश देते हुए कहा कि कर्म योग कर्म के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने का एक तरीका है। इसमें व्यक्ति अपने कर्मों को बिना किसी अपेक्षा के करता है, और फल की चिंता नहीं करता। भक्तियोग भक्ति के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने का एक तरीका है। इसमें व्यक्ति भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति का अभ्यास करता है।
गीता पाठ के बाद आरती सीता राम लेले भैया जय के बेरा सीता राम लेने के साथ कथा समापन व गीतादान व महाप्रसादी भंडारा कराया गया, जहांदूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद लिये व प्रसाद वितरण में सहयोग प्रदान किये। समस्त क्षेत्रवासियों व ग्रामवासियों बाल युवा मंडल परदेशी साहू, ओमप्रकाश साहू, गणेश साहू, देवांक ठाकुर सहित अन्य पूरे 9 दिन कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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