राज्य शासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर जनादेश परब के अवसर पर किसान सम्मेलन सह कृषि मेला का आयोजन
राजनांदगांव। राज्य शासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर जनादेश परब के अवसर पर कृषि विभाग द्वारा नया कृषि उपज मंडी बसंतपुर राजनांदगांव में एक दिवसीय किसान सम्मेलन सह कृषि मेला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री का संदेश विष्णु की पाती किसानों को दी गई, जिसे पाकर किसानों ने खुशी जाहिर की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व सासंद मधुसूदन यादव तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती गीता साहू, कोमल सिंह राजपूत अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर संजय अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। पूर्व सासंद मधुसूदन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसान हितैषी सरकार है और किसान क्रेडिट कार्ड एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभान्वित करने के लिए कार्य कर रही है। हर वर्ष किसानों के लिए धान खरीदी के समर्थन मूल्य वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जैसी योजनाओं से किसानों को साहूकार के चंगुल से निकालने लिए कार्य किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद में 70 प्रतिशत से अधिक योगदान है। कृषि क्षेत्र के साथ ही मत्स्य पालन, बकरी पालन, दुग्ध उत्पादन जैसे कृषि क्षेत्र से जुड़े अन्य कार्य करते हुए किसानों की आय में वृद्धि करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही हैै। किसानों के खाते में एकमुश्त बोनस की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के लिए जिले में लगातार व्यवस्था बनाया जा रहा है और मिलर्स की स्वीकृति के पश्चात धान के उठाव में तेजी आयी है। सरकार द्वारा किसान के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं और सरकार किसान के हित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसान आने वाले समय में बेहतरी के लिए कार्य करेगी। उन्होंने किसानों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ एवं हमारा देश कृषि प्रधान है और खेती-किसानी महत्वपूर्ण कार्य है। अधिकांश किसान खेती-किसानी के लिए मानसून पर निर्भर है। खेती के लिए जल की आपूर्ति के लिए स्वयं का साधन नहीं होने पर दिक्कत आती है। उन्होंने कहा कि खेती किसानी को अधिक फायदेमंद बनाने की जरूरत है। मानसून के दौरान बहुत बारिश होती है और पानी बहकर चला जाता है। बारिश के समय खेत के पानी को खेत में, गांव के पानी को गांव में रोकने की आवश्यकता है। डबरी, तालाब एवं अन्य वाटर स्ट्रक्चर के माध्यम से मनरेगा के तहत जिले में जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। इसके दृष्टिगत भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्थानों का चिन्हांकन करते हुए डबरी एवं तालाब का निर्माण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती के लागत को कम करने, फसल विविधीकरण को अपनाने, रासायनिक एवं कीटनाशक का उपयोग कम करने तथा जैविक खेती को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए सोच में परिवर्तन लाने की जरूरत है। कम पानी की आवश्यकता वाले फसलों के लेने के साथ ही सामूहिक खेती, मार्केट में ज्यादा कीमत वाली फसलों की फसल लेने, कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिले में नलकूप से अंधाधुंध पानी का दुरूपयोग करने के कारण भू-जल स्तर में गिरावट आयी है। पहले 30 से 50 फीट में पानी आ जाता था, लेकिन अब भू-जल स्तर 500 फीट से अधिक नीचे चला गया है। उन्होंने किसानों से जल का संरक्षण करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में 17 हजार से अधिक आवास निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। आगामी 2 वर्ष में पात्र हितग्राहियों के मिल जाएंगे।
कार्यक्रम के आरंभ में उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डेय ने प्रशासकीय प्रतिवेदन का वाचन किया। उन्होंने बताया कि कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित जिले में खरीफ मौसम में 183689 एवं रबी मौसम में 83424 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न अनाज, पोषक अनाज, दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों की खेती की जाती है। खरीफ फसलों का सिंचित क्षेत्र 47.06 प्रतिशत एवं रबी फसलों का सिंचित क्षेत्र 37.53 प्रतिशत है। जिले की सामान्य वर्षा 1137.9 मिमी है। विगत दो वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में 1163.63 एवं 1128.1 मिमी पर्याप्त वर्षा हुई है। फसल उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि हुई है। कास्त लागत में राहत देने के लिए उन्नत बीज उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकी करण हेतु कृषक उन्नति योजनांतर्गत वर्ष 2023-24 में जिले के 123121 कृषकों को 642.153 करोड़ रूपए कृषकों के बैंक खाते में भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत वर्ष 2024 में जिले के 119853 कृषकों को 75.87 करोड़ रूपए की सहायता प्रदान की गई।
किसान सम्मेलन अंतर्गत तकनीकी व्याख्यान में उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डेय ने पोषक अनाज, लघु धान्य फसलों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पोषक अनाज बहुत सी बीमारियों को दूर करने में सहायक है तथा कैल्शियम, आयरन, कॉपर, जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है। लीड बैंक मैनेजर मुनीष शर्मा ने बताया कि बैंक द्वारा किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण प्रदान किया जा रहा है। किसान क्रेडिट योजना, सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, मशरूम उत्पादन, मछली उत्पादन, डेयरी उत्पाद, प्रसंस्करण सहित विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण प्रदान किया जा रहा है। किसान जनधन योजना से जुड़े हुए हैं। उन्होंने सभी किसानों को अपना बीमा कराने के लिए आग्रह किया। सहायक संचालक उद्यानिकी राजेश शर्मा ने उद्यानिकी फसलों टमाटर, मिर्च, आलू, बैंगन, केला एवं फूलों की खेती के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सात प्रकार के उद्यानिकी फसलों के लिए किसान 31 दिसम्बर तक फसल बीमा करा सकते हैं। नाबार्ड के प्रमुख मनोज नायक ने किसानों से कहा कि नाबार्ड की ओर से बहुत सी योजनाएं हंै। किसान विविधीकरण को अपनाएं तथा कृषि उत्पादक संगठन से जुड़कर कार्य करें। कृषि विज्ञान केन्द्र से समय पर पौधों का खाद देने एवं अन्य तकनीकी जानकारी जरूर लें। उपायुक्त सहकारिता सुश्री शिल्पा अग्रवाल ने कहा कि किसान का सहकारिता से गहरा संबंध है। भारत सरकार द्वारा हर ग्राम पंचायत में किसानों की सुविधा के लिए सहकारी समितियां है। सहकारी समिति चाहे वह कृषि हो, वनोपज सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। सेवानिवृत्त सहायक संचालक कृषि एसके सिंह, उप संचालक पशुपालन डॉ. अनूप चटर्जी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पीके जैन, सहायक संचालक मत्स्य पालन सुदेश साहू एवं अन्य विशेष विशेषज्ञों ने तकनीकी सत्र को संबोधित किया।
इस अवसर पर आर्गेनिक फूड प्लाजा के स्टॉल में लघु धान्य फसलों से बने पोषक तत्वों से भरपूर रागी, कोदो, कुटकी से बने उत्पाद एवं अन्य उत्पाद उपलब्ध रहे। आर्गेनिक फूड प्लाजा में रागी के लड्डू, बाजरा के लड्डू, सीताफल एवं जामुन के आईस्क्रीम, इडली, दोसा, बेल एवं अंबाडी शरबत उपलब्ध रहे। मत्स्य पालन विभाग के स्टॉल में विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। उद्यानिकी विभाग के स्टॉल में किसानों को उद्यानिकी फसलों की जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सामग्री का वितरण किया गया। इसी तरह विकासखंड स्तर पर सामुदायिक भवन जनपद पंचायत छुरिया, कृषि उपज मंडी डोंगरगढ़ एवं कृषि उपज मंडी डोंगरगांव के प्रांगण में एक दिवसीय किसान सम्मेलन सह कृषि किसान मेला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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