लखमा गिरफ्तार : ईडी की धमक, कलेक्टर का मौन !

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नेशन अलर्ट/97706 56789

रायपुर.

छत्तीसगढ़ में काँग्रेस शासनकाल में हुए कथित शराब घोटाले को लेकर पूर्व आबकारी मँत्री कवासी लखमा को अपनी गिरफ्त में लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी धमक का अहसास कराया है. दूसरी तरफ कवासी और उनके सुपुत्र हरीश लखमा के सँदिग्ध जमीन के सौदे के मामले में कलेक्टर ने मौन साध लिया है.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जाँच एजेंसिया छत्तीसगढ़ की काँग्रेस सरकार के समय हुई आर्थिक गड़बडि़यों की अपने अपने स्तर पर जाँच कर रही हैं. इनमें कोयला घोटाला से लेकर शराब घोटाला जैसे मामले चर्चा में रहे हैं.

आज बुधवार का दिन पूर्व आबकारी मँत्री कवासी लखमा के लिए ठीक नहीं रहा. दरअसल, उन्हें तब ईडी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया जब वह तीसरी मर्तबा पूछताछ के लिए ईडी आफिस पहुँचे थे.

इसके पहले वह दो बार ईडी आफिस से पूछताछ पूरी होने पर लौट आए थे. पहली बार वह अकेले पहुँचे थे. दूसरी मर्तबा वह अपने सुपुत्र हरीश लखमा के साथ ईडी के सामने आए थे.

आज उन्हें अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के साथ पूछताछ के लिए तलब किया गया था. बताया जाता है कि उन्होंने अपने सीए को प्रवास में बताया और खुद अपने बेटे के साथ ईडी दफ़्तर पहुँचे थे.

दोपहर बाद उन्हें गिरफ्त में लिए जाने की सँभावना तब बलबती हो गई जब सँबँधित न्यायालय परिसर में बहुतायत की सँख्या में सुरक्षाकर्मी दिखाई पड़ने लगे. अँततः वह गिरफ्तार कर भी लिए गए. अभी उनके सुपुत्र हरीश दौड़भाग करते देखे जा सकते हैं.

यह गिरफ्तारी करोड़ों रूपए के कथित शराब घोटाले को लेकर हुई है. ईडी ने पहले स्वास्थ्य परीक्षण करवाया और फिर उसके बाद कोर्ट का रूख किया. जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में कवासी लखमा को पेश किया गया.

दूसरी तरफ गिरफ्तारी का विरोध भी होने लगा है. एक ओर जहाँ पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व उप मुख्यमंत्री अपने सँदेश में काँग्रेस को लखमा के साथ खडा़ बता रहे हैं तो दूसरी ओर बस्तर में ईडी का पुतला फूँके जाने की खबर सुनाई दे रही है.

जमीन का सँदिग्ध सौदा चर्चा में. . .

शराब के साथ साथ जमीन के सँदिग्ध सौदे को लेकर भी लखमा परिवार में चर्चा में है. उनके द्वारा राजनांदगाँव जिले में करोड़ों रूपए में सैकड़ों एकड़ जमीन पूर्व में लिए जाने की खबर सुनाई देती रही है.

हालाँकि इस पर अभी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है. क्या जय, वैभव अथवा कलेक्टर . . . सबके सब मौन साधे हुए हैं.

बहरहाल, “नेशन अलर्ट” ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सभी से टेलीफोनिक सँपर्क किया था. किसी को घँटी दी गई तो किसी को वाट्सऐप पर सँदेश भेजा गया.

जैसे ही इसका कोई जवाब आता है तो वह भी प्रस्तुत किया जाएगा. फिलहाल लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई है.