राजनांदगांव। रेंगाकठेरा मे कथा के पाचवें दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने आचार्य पं. युवराज पाण्डेय के श्रीमुख से कथा का श्रवण किये। शिवमहापुराण कथा की शुरुआत आरती के साथ व भजन के साथ किया गया।
आचार्य पं युवराज पाण्डेय ने अपने पांचवे दिन की कथा में बताया कि जिस समय भगवान शिव माता सती को साथ लेकर वन मार्ग से यज्ञ बल की के आश्रम में जा रहे थे, उसी समय प्रभु श्री राम को माता सीता के वियोग में भी लगाते हुए देखकर मां सती को भ्रम हो गया कि या वही राम है, जो ब्रह्म के अवतार हैं या फिर महाराज दशरथ के पुत्र राम है, तब मां सती ने भगवान शिव से कहने वालों की है, प्रभु जी परमात्मा को आप रात-दिन जाप करते हो क्या, वह मनुष्य की भांति पत्नी के वियोग में बिलख रहा है, तो मैं जाकर के उनकी परीक्षा लूं, क्या यह वही राम है, जिनका रात-दिन आप सुमिरन करते हैं, इस स्थिति को भगवान शिव जान गए कि अब तो हरि इच्छा ही है, कहते-कहते हुए भगवान शिव कैलाश धाम को चले गए, उसके बाद माता सती ने भगवान श्री राम की परीक्षा ली, जिस समय माता सती भगवान राम की परीक्षा लेने के लिए उनके सामने सीता का रूप धारण करके जाती हैं। इस समय प्रभु श्री राम हाथ जोड़कर कहते हैं कि हे माता भोले भंडारी कहां है, इतना सुनते ही मां सती अवाक रह गई और वहां से कैलाश धाम को चली गई, इसके बाद आचार्य ने आगे की कथा कहते हुए दक्ष यज्ञ की और मां सती के योग आदमी में समाहित होने की कथा का विराम दिया।
प्रतिदिन कथा दोपहर 1 बजे से शिवमहापुराण कथा आयोजित किया जा रहा है। आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता स्वामी बघेल, पूर्व विधायक भुनेश्वर सिंह बघेल, जनपद सभापति ओमप्रकाश साहू, जनपद सदस्य गणेश साहू, तिलई भाजपा मंडल अध्यक्ष परदेशी साहू, युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष सौरभ वैष्णव, डुमरडीह सरपंच दिनेश सिंह ठाकुर, पदुमतरा सरपंच ललिता मोहन साहू, पूर्व सरपंच रेंगाकठेरा भागवत वर्मा, गंभीर साहू, प्रमोद वर्मा, भागी साहू, जयश्री चांदतारे, ललित चांदतारे, रितेश सिन्हा, पवन महोबिया सहित हजारों श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किये।
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