राजनांदगांव। रेंगाकठेरा में कथा के चौथे दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने आचार्य पं. युवराज पाण्डेय के श्रीमुख से कथा का श्रवण किये। शिवमहापुराण कथा की शुरुआत आरती के साथ व भोले बाबा के भजन के साथ किया गया।
आचार्य पं युवराज पाण्डेय ने अपने चौथे दिन की कथा में बताया कि दक्ष प्रजापति ब्रह्मा जी के पुत्र और देवताओं के अग्रणी थे। सती, दक्ष प्रजापति और उनकी पत्नी प्रसूति की पुत्री थीं। वे आदि शक्ति (महादेवी) का अवतार मानी जाती हैं। बचपन से ही सती भगवान शिव की अनन्य भक्त थीं। दक्ष प्रजापति भगवान शिव को आदरणीय नहीं मानते थे और उनकी साधारण जीवनशैली के कारण उन्हें अपनी पुत्री के लिए योग्य नहीं समझते थे, इसलिए दक्ष ने शिव से सती का विवाह करवाने से इनकार कर दिया। सती ने यह निर्णय लिया कि वे कठोर तपस्या करेंगी और भगवान शिव को प्रसन्न करके उन्हें अपने पति के रूप में प्राप्त करेंगी। सती ने हिमालय के वन में जाकर घोर तपस्या प्रारंभ की। उन्होंने कठिन व्रत रखे, कई वर्षों तक अन्न-जल का त्याग किया और सिर्फ वायु के सहारे जीवित रहीं, उनकी तपस्या इतनी कठोर थी कि चारों दिशाओं में इसका प्रभाव फैलने लगा। देवता, ऋषि-मुनि और स्वयं प्रकृति भी उनकी भक्ति से प्रभावित हो गई। सती की निष्ठा और तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए, उनके तप से प्रसन्न होकर शिव ने सती से विवाह कर लिया। हालांकि, दक्ष शिव को एक साधारण योगी मानते थे और उनका सम्मान नहीं करते थे।
प्रतिदिन कथा दोपहर 1 बजे से शिवमहापुराण कथा आयोजित किया जा रहा है। आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राजनांदगांव सांसद संतोष पाण्डेय, पूर्व विधायक डोंगरगढ़ भुनेश्वर सिंह बघेल, जनपद अध्यक्ष प्रतीक्षा सूर्यकांत भंडारी, जनपद सभापति ओमप्रकाश साहू, जनपद सदस्य गणेश साहू, भाजपा मंडल अध्यक्ष परदेशी साहू, घुमका भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेन्द्र वर्मा, डुमरडीह सरपंच दिनेश ठाकुर, परसबोड़ सरपंच जयश्री चांदतारे, सेवा सहकारी समिति रेंगाकठेरा अध्यक्ष हरिचंद सिन्हा, पदुमतरा अध्यक्ष टाकेश सिन्हा, ध्यानचंद बाफना, मदन साहू, रामकुमार वर्मा, गोपी साहू, महेश यादव, जागेश्वर साहू, गंगा दास वैष्णव, राकेश साहू, मालिखम कोसरे, ढाल सिंह, हरिचंद सिन्हा, खेमलाल साहू, विनोद बराले, नीलाभ यदु, अक्षय क्षत्रिय, जनक साहू, होश कुमार साहू, डिगेन्द्र सिन्हा सहित हजारों श्रोताओं ने कथा का रसपान किये।
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