राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभाकक्ष में खरीफ वर्ष 2024-25 में धान उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक सह प्रशिक्षण संपन्न हुई। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि धान खरीदी शासन की महत्वपूर्ण योजना है। 14 नवम्बर से धान खरीदी का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए सभी नोडल अधिकारियों को धान उपार्जन केन्द्रों में सभी आवश्यक तैयारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा किसानों से 3100 रूपए प्रति कि्ंवटल की दर एकड़ प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान की खरीदी की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के वास्तविक उपज की खरीदी करना है। धान उपार्जन केन्द्रों में सभी आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए और किसानों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने धान खरीदी केन्द्र में कांटा-बांट, नापतौल, बारदाना, कम्प्यूटर सेट, प्रिंटर, आर्द्रतामापी यंत्र, सीसीटीवी कैमरा, रखरखाव, पेयजल, स्वास्थ्य किट, छांव, बायोमेट्रिक डिवाईस मशीन, मानव संसाधन सहित अन्य व्यवस्थाओं सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों से कहा कि धान खरीदी के पहले दिन सभी नोडल अधिकारी अपने-अपने धान उपार्जन केन्द्रों में समय पर उपस्थित रहेंगे। सभी को यह जानकारी होना चाहिए कि प्रतिदिन कितने टोकन कट रहे हैं, जिससे कितने धान की खरीदी अगले दिन होगी, इसका अनुमान रहेगा। इसके साथ ही इस बात की भी जानकारी रखने रखें कि राईस मिलर्स का डीओ कितना कट रहा है, ताकि धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव भी जारी रहे। उन्होंने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों में किसानों की परेशानी नहीं चाहिए। धान खरीदी के दौरान धान उपार्जन केन्द्रों में सुविधाओं का ध्यान रखने के साथ ही समय पर उनके खाते में समय पर राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सभी अधिकारियों से कहा कि सावधानी एवं सजगता के साथ भौतिक सत्यापन के लिए बारदानों की गणना करें तथा साक्ष्य के रूप में विडियो बनाकर भी रखें। उन्होंने कहा कि भौतिक सत्यापन के लिए पहले ही दिन से गणना का कार्य करते जाएं, ताकि प्रतिदिन के लिए कार्य करने में परेशानी नहीं होगी। उन्होंने हमालों की संख्या, धान का परिवहन, स्टैकिंग व्यवस्था के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अवैध धान की बिक्री करते पाये जाने पर संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोचिया जैसे लोग पात्र किसानों के किसान किताब का दुरूपयोग करते हुए अवैध धान की बिक्री करने के प्रयास करते है तथा सिस्टम को प्रभावित करते है। ऐसे कोचिया एवं बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए सर्तक रहते हुए कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में औसत अनावरी रिपोर्ट के आधार पर ही वास्तविक उपज की जानकारी रखें तथा लगातार धान उपार्जन केन्द्र का लगातार निरीक्षण करते रहें। उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छी सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने धान खरीदी के लिए किसानों से ऑफलाईन एवं टोकन तुंहर दुआर मोबाईल एप से ऑनलाईन टोकन देने कहा। टोकन जारी करने में पहले लघु एवं सीमांत कृषकों को प्राथमिकता दी जाये। उसके बाद बड़े कृषकों को टोकन जारी किया जाये।
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि धान खरीदी केन्द्रों में नियंत्रित एवं व्यवस्थित रूप से उपार्जन हेतु किसानों को टोकन जारी कर धान क्रय किया जायेगा। उपार्जन केन्द्रों में भंडारण क्षमता के आधार पर मोटा, पतला एवं सरना धान के लिए नया एवं पुराना बारदाना का अलग-अलग स्टेक धान का भंडारण करें। इसके अतिरिक्त एचडीपीई बैग में संधारित धान का पृथक स्टेक लगाया जाये। नोडल अधिकारी अपनी निगरानी में किसानों का टोकन जारी करायेंगे तथा आगामी दिवस की खरीदी हेतु उपलब्ध बारदानों का आंकलन करेंगे एवं बरादानों की उपलब्धता के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करेंगे एवं उच्चाधिकारियों को अवगत करायेंगे। सभी उपार्जन केन्द्रों में खाद्य विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-233-3663 डिस्प्ले करेंगे। पानी की निकासी के लिए नालियों की व्यवस्था के संबंध में बताया गया। धान को सीढ़ीनुमा तरीके से रखने पर पानी का ठहराव नहीं होगा तथा धान सुरक्षित रहेगा। शासन द्वारा नया एवं पुराने बारदानों में धान की खरीदी की जाती है। उपार्जन केन्द्रों में धान के सुरक्षित भंडारण के लिए खरीदे गये धान के किस्मवार एवं बारदाना अनुसार पृथक-पृथक स्टेक लगाकर धान का भंडारण किया जाना है। इस अवसर पर एसडीएम राजनांदगांव खेमलाल वर्मा, एसडीएम डोंगरगढ़ मनोज मरकाम, एसडीएम डोंगरगांव श्रीकांत कोर्राम, उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डेय, खाद्य अधिकारी रविन्द्र सोनी, सीईओ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित प्रभात मिश्रा, उपायुक्त सहकारी संस्थाएं श्रीमती शिल्पा अग्रवाल, जिला विपणन अधिकारी श्रीमती हिना खान सहित सभी नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
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