इको ब्रिक्स बनाने की बच्चों की अनोखी तरकीब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कारगर

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राजनांदगांव। इको ब्रिक्स बनाने की बच्चों की अनोखी तरकीब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कारगर सिद्ध हो रही है। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत जिले के सभी स्कूलों के बच्चे इको ब्रिक्स या कहे बॉटल ब्रिक्स बना रहे हंै। जिसमें पानी बॉटल, कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक बॉटल में झिल्ली, पन्नी, मिक्चर एवं बिस्कुट के रैपर को बोटल में भर देते हैं। यह एक अच्छी अवधारण है, जिसमें आस-पास के प्लास्टिक झिल्ली एक ही जगह पर एकत्रित हो जाता है। जिससे पर्यावरण संरक्षित होता है और इन इको ब्रिक्स का उपयोग क्यारी बनाने के लिए किया जाता है। कलेक्टर संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन तथा जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देशन में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के लिए लगातार विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता एवं व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। जिला पंचायत की टीम एवं सभी विभागों तथा सामुदायिक सहभागिता से स्वच्छता के लिए बेहतरीन कार्य किए जा रहे हंै। स्कूली बच्चों द्वारा बनाए गए इन इको ब्रिक्स का उपयोग ग्राम बघेरा में क्यारी बनाने के लिए किया जा रहा है। इसी तरह सभी जिलों में इन इको ब्रिक्स को उपयोग किया जायेगा। बॉटल ब्रिक्स बनाने में जिले के बच्चों ने विशेष अपनी रचनात्मक प्रतिभा दिखाई है।

(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)

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