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नेशनल ब्यूरो
नई दिल्ली.
मुसलमानों और विवादों के बीच लगता है चोली दामन का रिश्ता है. तभी तो ईद मीलाद-उन-नबी के अवसर पर फिलिस्तीन का झंडा लहराने का मामला उभर कर सामने आ रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय मामले पर नज़र बनाए हुए है.
पहला मामला छत्तीसगढ़ का है. वहाँ पर भाजपा की सरकार है. छत्तीसगढ़ की न्यायधानी माने जाने वाले बिलासपुर से इसे जुडा़ बताया जाता है.
बिलासपुर के एक क्षेत्र का नाम तारबाहर है. इसी इलाके में इस तरह की गतिविधियों की शिकायत हिंदूवादी सँगठनों ने की थी.
किसने की शिकायत. . . कौन हुआ गिरफ्तार . . ?
दरअसल, बिलासपुर वाले मामले में हिंदू जागरण मँच नामक सँगठन ने आपत्ति जताई थी. उसने तारबाहर थाने का मँगलवार को घेराव भी कर दिया था.
इसके बाद पुलिस हरकत में आई. उसने पहले 16 सँदिग्धों को हिरासत में ले लिया. इनसे हुई पूछताछ के आधार पर पाँच आरोपियों पर प्राथमिक तौर पर प्रकरण दर्ज किया गया है.
इन पाँच आरोपी मुसलमानों पर पुलिस ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 197 ( 2 ) के तहत मामला पँजीबध्द कर लिया है. राष्ट्रीय अखँड़ता को नुकसान पहुँचाने के इस मामले में लगाई गई धारा में 5 साल तक की कैद का प्रावधान बताया जाता है.
बालाघाट और मँडला में ऐसा ही हुआ . . .
छत्तीसगढ़ की यह आग पडोसी प्रांत मध्यप्रदेश तक पहुँची बताई जाती है. छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे बालाघाट और मँडला (मप्र) में भी ईद मीलाद-उन-नबी का जुलूस विवादों में आ गया है.
बालाघाट के महावीर चौक से जब जुलूस गुजर रहा था तब कथित तौर पर फिलिस्तीन का झंडा लहरा दिया गया. इस मामले में भी पुलिस ने शिकायत होने के बाद कार्रवाई की है. शाकिब सहित अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ जाँच जारी बताई गई है.
उधर, मँडला के चिलमन चौक पर जुलूस के दौरान कथित तौर पर फिलिस्तीन का झंडा लहराने का मामला पुलिस तक पहुँच गया है. मँडला के पुलिस अधीक्षक रजत सखलेचा के मुताबिक फिलहाल आरोपी फरदीन और साथियों की सँलिप्तता की जाँच की जा रही है.
राजगढ़ से भी कथित तौर पर फिलिस्तीन समर्थन नारेबाजी की पुलिस में शिकायत हुई थी. पुलिस ने सीसीटीवी की जाँच कराई तो फिलहाल उसे कुछ नहीं मिला. इसके बावजूद पुलिस मामले की विस्तृत जाँच कर रही है.