माँ को दालबाटी, चूरमा का भोग लगेगा

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भवाद.

माँ माजीसा के विभिन्न मंदिरों, धामों में 10 सितंबर का इंतजार खत्म होने को है. दरअसल, इस दिन भादो के शुक्लपक्ष की सातम तिथि को माँ माजीसा के अवतरण दिवस पर विविध कार्यक्रम निर्धारित हैं. जन्मोत्सव पर माँ के भवाद धाम में ही दालबाटी, चूरमा का भोग लगाया जाएगा.

जोधपुर के आगे मथानिया नामक बडा़ कस्बा है. मथानिया से थोडी़ दूरी पर स्थित है उजलिया. यह ओसियां तहसील और विधानसभा क्षेत्र में आता है. इसी उजलिया क्षेत्र की एक पँचायत का नाम है भवाद . . !

भवाद ग्राम पंचायत जोधपुर जिला परिषद के अंतर्गत आने वाली बावड़ी पंचायत समिति में एक ग्रामीण स्थानीय निकाय है. भवाद ग्राम पंचायत के अंतर्गत कुल दो गांव आते हैं.

भवाद में ही माँ माजीसा का धाम भी है. माजीसा की चरण सेविका साध्वी संगीताजी बहन सेवा सुश्रेवा में जुटी रहती हैं.

बहन संगीता बताती हैं कि मंदिर की स्थापना 15 अक्तूबर 2021 को हुई थी. उस दिन भी सप्तमी ही थी. प्रत्येक माह के शुक्लपक्ष की तेरस को तब से माँ की विशेष पूजा अर्चना होती हैं.

उनके बताए मुताबिक माँ माजीसा मंदिर भवाद में प्रत्येक वर्ष की चैत्र नवरात्रि में बडे़ स्तर पर जम्मा जागरण का कार्यक्रम आयोजित होता है. पूरे सालभर छोटे-बडे़ धार्मिक आयोजन माँ के धाम में होते रहते हैं.

माँ का होगा सोलह श्रृंगार . . .

इस साल भादो माह के शुक्लपक्ष की सातम यानिकि सप्तमी तिथि 10 सितंबर को पड़ रही है. इसी दिन ग्राम भवाद में भी जसोलवाली माताराणी भटियाणी का अवतरण दिवस बडे़ धूमधाम से मनाया जाएगा.

माजीसा की चरण सेविका साध्वी संगीताजी बहन
ने बताया कि बेंगलुरू, मुंबई, हैदराबाद जैसे बडे़ शहरों के अलावा असम, छत्तीसगढ़, गुजरात जैसे राज्यों के माँ के भगत पूज परसादी करेंगे.

बहन संगीता बताती हैं कि देशभर के अतिरिक्त सऊदी अरब में बैठे भक्त भी चढावें में बढ चढकर भाग ले रहे हैं. मातेश्वरी का सोलह श्रृंगार करने के साथ ही दाली बाटी, चूरमा व मावे का विशेष भोग अर्पित किया जाएगा. ढोल नगाड़े की धुन के बीच भजन कीर्तन व जयकारों के साथ माँ का अवतरण दिवस मनाया जाएगा.

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