सड़क दुर्घटना : नांदगाँव सहित 9 जिलों में घटी मृत्युदर

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नेशन अलर्ट/9770656789

रायपुर.

सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु के आँकड़े चौंकाने वाले हैं. राजनांदगाँव सहित प्रदेश के 9 जिलों में गत वर्ष की तुलना में कमी आने का दावा किया गया है. इसके लिए पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की जानी चाहिए.

राज्य में यातायात की पुलिस महानिरीक्षक (आईजी ) श्रीमती नेहा चंपावत की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के उपायों के संबंध में समीक्षा की गई. इस दौरान पिछले वर्ष की तुलना इस साल के अब तक के महीनों में हुई सड़क दुर्घटनाओं से की गई. तुलना सकारात्मक कही जा सकती है.

समीक्षा बैठक के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के कारणों के समुचित विश्लेषण पर भी बात हुई. आवश्यक सुधार कार्याे हेतु इंटीग्रेटेड रोड़ एक्सीडेंट डाटाबेस (आईआरएडी) में सड़क दुर्घटनाओं की शत प्रतिशत प्रविष्टियां अंकित करने के निर्देश दिए गए. हिट एंड रन के क्षतिपूर्ति प्रकरणों को निर्धारित समयावधि में दावा प्राधिकरण को प्रेषित करने और प्रभावितों को यथाशीघ्र राहत हेतु पहल करने पर भी विचार हुआ.
 
बैठक में एआईजी ट्रैफिक संजय शर्मा सहित प्रदेश में यातायात के समस्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, प्रभारी यातायात, पर्यवेक्षण अधिकारी सम्मिलित हुए. बैठक में भारत सरकार के 03 नवीन कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रावधानों से भी अवगत कराया गया.

इनके संबंध में यथाशीघ्र प्रशिक्षण पर जोर दिया गया. नवीन नियमों के अनुसार पुलिस विभाग के विवेचक अधिकारियों को सड़क दुर्घटना स्थल में जाकर ऑनलाईन (लाईव लोकेशन, अक्षांश व देशांश सहित) प्रविष्टियां अंकन सुनिश्चित किया जाना है.

छत्तीसगढ़ के सहायक पुलिस महानिरीक्षक (यातायात) संजय शर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश के सभी जिलों में वर्ष 2024 (जनवरी से जुलाई तक) प्रतिवेदित सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर जिला महासमुंद्र, गरियाबंद, धमतरी, बेमेतरा, सरगुजा, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, गौरेला-पेंड्रा, सांरगढ बिलाईगढ, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी भरतपुर में पुलिस विभाग द्वारा इंटीग्रेटेड रोड़ एक्सीडेंट डाटाबेस (iRAD) में शत प्रतिशत प्रविष्टि सराहनीय है. शेष जिलों को लंबित प्रविष्टियां यथाशीघ्र पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया.

अज्ञात वाहन से दुर्घटना होने पर मृतक के आश्रितों को 2 लाख तथा घायलों को 50 हजार रूपए मुआवजे के प्रावधान का लाभ प्रभावितों को यथासमय मिलने हेतु की जाने वाली पहल पर भी बात हुई. शासन के नियमों की जानकारी साझा कर समय-सीमा में हिट एंड रन के क्षतिपूर्ति प्रकरणों को प्रतिवेदन (सभी सुसंगत दस्तावेजों के साथ) दावा जांच अधिकारी को राहत प्रकरण प्रेषण सुनिश्चित करने पर भी चर्चा हुई.

जनवरी से जुलाई के मध्य गत वर्ष 2023 की तुलना में इस वर्ष 2024 में जिला महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, राजनांदगांव, जांजगीर चांपा, सुकमा, बीजापुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मनेन्द्रगढ़-भरतपुर चिरमिरी में यद्यपि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है.

मृत्युदर में तुलनात्मक रूप से कमी वाले जिलों में महासमुंद राजनांदगाँव, बिलासपुर, सूरजपुर, बस्तर, कांकेर, कोंड़ागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा एवं मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर शामिल है. अन्य जिलों के साथ राज्य में इस वर्ष माह जुलाई तक 88156 सड़क दुर्घटनाओं में 4084 मृत्यु पर चिंता जताई गई.

दरअसल, 7539 घायलों के साथ दुर्घटनाओं में 7.93 प्रतिशत एवं मृत्युदर में 7.14 प्रतिशत, घायलों में 1.66 प्रतिशत की वृद्धि ने चिंता में डाल दिया है. इस पर भी विचार हुआ कि इन आँकड़ों को आने वाले समय में कैसे कम किया जा सकता है.

बताया गया कि लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के साथ गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में यातायात नियमों के उल्लंघनकर्ता वाहन चालकों के विरूद्ध 3,50,836 प्रकरणों में से प्रशमन शुल्क राशि 15 करोड़ 73 लाख 90 हजार 908 रूपए वसूल किए गए हैं. बैठक में श्रीमती चंपावत ने संबंधितों को निर्देशित किया कि नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों को निरूत्साहित किया जाकर प्रभावी समझाईश के साथ नियमित प्रवर्तन से जीवन रक्षा के प्रयास तेज किए जाए.

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