गौ-रक्षा हेतु कड़े कानून बनाने बजरंग दल ने रखी मांग

शेयर करें...

राजनांदगांव। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के जिला संयोजक सुनील सेन ने साय सरकार से गौ रक्षा हेतु कड़े कानून लागू करने की मांग की है। वर्षों से गौ वंशो के साथ अनेक अत्याचार किया जा रहा है, कहीं तस्करी तो कहीं गौ पालकों द्वारा गौ को छोड़ा जाना, गौ के जीवन के लिए अत्यंत पीड़ादायक हो गया है। राजनांदगांव छग राज्य की बॉर्डर होने के कारण तस्करी यहां धड़ल्ले से होती है, जिसके लिए संगठन के बजरंगी अपनी जान पर खेल के रोकने का प्रयास करते है, जिस पर तस्कर उन्हें घायल और मारने का भी प्रयास करते है। कई बार तो ये भी देखा गया है कि पुलिस प्रशासन भी इन तस्करों के हमले से घायल हुआ है।
छत्तीसगढ़ को गाय विहीन होने से बचाने संगठन समय-समय पर आंदोलनों और ज्ञापनों के माध्यम से शासन-प्रशासन से गौ के लिए अनेक मांगे की है, परंतु उनका प्रभाव कुछ समय तक ही देखने को मिला है। शासन द्वारा नए और कड़े कानून निर्माण की अवश्यकता है, जिसके लागू होने पर गौ के साथ क्रूरता कर आजीवन कारावास जैसी व्यवस्थाएं हो, इन्हें जघन्य अपराधों की श्रेणी में रखा जाए तथा प्राथमिकता से इन अपराधो परं सजा का प्रावधान हो, जिस से समाज में गौ क्रूरता पर कमी आए। ऐसे उपाय सुनिश्चित किए जाए, जिस से ग्रामों और शहरों में गौ ना छोड़े जाए और गौ उत्पादों का निर्माण उपयोग के प्रचार-प्रसार हो, जिस से गौपालाक को जीविका चलाए जाने दूध के अलावा गोबर और मूत्र का भी उपयोग पता चले तथा शासन प्रदर्शनी के माध्यम से इन उत्पादों के विक्रय की व्यवस्था करे। सरकार योजना लाकर गौपालकों को मासिक देय राशि की व्यवस्था कर सकती है, जिससे लोगों पर गौपालन का भार मुक्त हो और ज्यादा से ज्यादा संख्या में गौ वंशों का पालन घरों में हो, ताकि गौ वंश संरक्षण सवर्धन पर छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान हासिल करे।
वहीं गौरक्षा जिला प्रमुख अंशुल कसार ने कहा कि हाईवे और नगर निगम पूर्ण रूप से गौ से भरा हुआ है, जिससे एक्सीडेंट और मृत्यु को बढ़ावा मिला है। नगर निगम उचित जगह पर ब्रेकर और बेरिकेट्स की व्यवथा बनाये, ताकि कोई भी हादसे का शिकार ना हो, हिन्दू धर्म में गाय को एक पवित्र और पूजनीय पशु माना जाता है। गायों को दिव्य और पालन-पोषण करने वाली मां के रूप में देखा जाता है, जो सभी जीवित प्राणियों को पोषण और जीविका प्रदान करता है, इसलिए गौ माता का संरक्षण और सवर्धन हमारा परम कर्तव्य भी तो है।

Comments (0)
Add Comment