सोम डिस्टलरी मामले में नहीं झुकी सरकार !

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भोपाल/रायसेन। सोम डिस्टलरी मामले में तमाम तरह के साम-दाम-दण्ड-भेद के आगे सरकार ने झुकने से इंकार कर दिया। अंततः गाज सेहतगंज में चलने वाली उस सोम डिस्टलरी पर गिरी जो कि बच्चों की सेहत से खेल रही थी। अब उसका लायसेंस निलंबित कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि रायसेन जिले के सेहतगंज में सोम डिस्टलरी का प्लांट है। इसी प्लांट में 15 जून को 59 बच्चे कार्य करते हुए पाए गए थे। यह कार्यवाही बचपन बचाओ आंदोलन की शिकायत पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने की थी।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने स्वयं छापा मारकर सोम डिस्टलरी में नाबालिग बच्चों से कार्य लिए जाने के प्रकरण को पकड़ा था। 39 बालकों व 20 बालिकाओं को आयु परीक्षण के बाद नाबालिग पाया गया। इस पर आयोग के अध्यक्ष की ओर से थाने में एफआईआर करने भी कार्यवाही की गई थी।

नोटिस पर नहीं मिला संतोषजनक जवाब

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की कार्यवाही तब और गंभीर हो गई जब इससे मुख्यमंत्री के तेवर बदल गए। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल कड़ी से कड़ी वैधानिक कार्यवाही के निर्देश दिए थे।

चूंकि मामला आयोग और मुख्यमंत्री के नाराजगी से जुड़ा हुआ था इस कारण प्रदेश के आबकारी आयुक्त आईएएस अभिजीत अग्रवाल ने नोटिस जारी कर सोम डिस्टलरीज से जवाब मांगा था। तीन दिनों के भीतर जवाब देने की मोहलत दी गई थी।

लेकिन जब जवाब आया भी तो वह संतोषप्रद नहीं था। इस पर प्रदेश के आबकारी विभाग ने अब एक बड़ी कार्यवाही की है। आबकारी आयुक्त ने 19 जून को एक आदेश जारी कर सोम डिस्टलरीज के लायसेंस को निलंबित कर दिया है।

क्या होगी बर्खास्तगी

सोम डिस्टलरीज पर बहुत पहले से ही आरोप लगते रहे हैं लेकिन उसकी पहुंच बहुत ऊपर तक बताई जाती थी। संभवतः इसी के मद्देनजर कभी इस तरह की कार्यवाही का सामना उसे नहीं करना पड़ा। जब लायसेंस निलंबन का आदेश लिखा जा रहा था तब सोम डिस्टलरीज के जगदीश अरोरा वाणिज्यिक कर विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमित राठौर (आईएएस) के केबिन के बाहर खड़े नजर आए थे।

हालांकि सोम डिस्टलरीज के सेहतगंज वाले प्लांट के कागजी दस्तावेजों में कही पर भी जगदीश अरोरा का नाम नहीं बताया जाता है लेकिन उनका स्वयं वाणिज्यिक कर विभाग के पीएस से मिलने की कोशिश करना सारे प्रकरण के साम-दाम-दंड-भेद लोगों के सामने उजागर कर जाता है।

प्रदेश के मुखिया का इस नाते तो आभार जताया ही जा सकता है कि उन्होंने बच्चों के साथ होने वाली ज्यादती को सहन करने से इंकार कर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्हीं के निर्देश पर इन बच्चों से 15-15 घंटे काम लेने वाली सोम डिस्टलरीज पर तालाबंदी की नौबत आ गई है।

सबसे बुरी स्थिति में वह अधिकारी बताए जाते हैं जिनका सीधा संपर्क-संबंध सोम डिस्टलरीज से रहा है। माना जा रहा है कि इन पर आने वाले दिनों में सेवा से बर्खास्तगी की भी कार्यवाही की जा सकती है। फिलहाल रायसेन के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया लाल अतुलकर, उप निरीक्षक प्रीति उइके, शेफाली शर्मा, मुकेश श्रीवास्तव निलंबित कर दिए गए हैं।

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