जिस मोबाईल की थी तलाश वह नहीं मिला

शेयर करें...

नेशन अलर्ट/9770656789
www.nationalert.in

डोंगरगढ़/रायपुर. कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच में जुटी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दस्तक अब राजनांदगांव जिले में भी हो चुकी है। मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के निवास पर ईडी ने छापेमार कार्यवाही की थी। जनचर्चा बताती है कि जिस मोबाईल की तलाश थी वह ईडी को इस छापेमार कार्यवाही में नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि डोंगरगढ़ राईस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल इस छापे की जद में आए हैं। अग्रवाल के निवास पर शनिवार सुबह 5 बजे से छापे की कार्यवाही चालू हुई थी। यह कार्यवाही तकरीबन 18 घंटे चली।
दो गाड़ियों में ईडी के अफसर पहुंचे थे। इसके अलावा रायपुर के खम्हारडीह इलाके में भी उस क्षेत्र की तलाशी ली गई जो कि मनोज अग्रवाल से जुड़ा हुआ है। कस्टम मिलिंग, डीओ, मोटा को पतला और पतले को मोटा करना सहित खाद्य आपूर्ति निगम (एफसीआई) को नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में तब्दील करने के एवज में पैसों का लेनदेन चल रहा था।
मामले में पहली छापामार कार्यवाही 20 अक्टूबर 2023 को हुई थी। तब मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी सहित छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स के कोषाध्यक्ष, कुछ सदस्यों के अलावा राईस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर तक ईडी की टीम पहुंची थी।
जप्त हुए थे 1 करोड़
तब 1 करोड़ 6 लाख नगद सहित कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए थे। मामला आयकर विभाग से होते हुए प्रवर्तन निदेशालय तक पहुंचा था। ईडी की स्थानीय टीम ने इस पर प्रतिवेदन तैयार किया और एफआईआर दर्ज हुई।
मामला तब विधानसभा में भी उठा था। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने प्रति टन 20 रू. वसूलने का आरोप लगाते हुए 6 मार्च 2023 को इस विषय पर विधानसभा में सवाल उठाया था। तब मंत्री रहे मोहम्मद अकबर ने सबूत मांगा था जिस पर हंगामा हुआ था।
छत्तीसगढ़ के राईस मिलर बताते हैं कि पहले वह किसी भी जिले से फोर्टिफाईड राईस उठा सकते थे। एफसीआई के अफसरों ने इस नियम में तब्दीली करने का फरमान जारी किया था। इस आदेश के मुताबिक मिलर्स को अपने ही जिले से फोर्टिफाईड राईस उठाना था। ऐसे आदेश से कमीशनखोरी बढ़ी।
बताया तो यह तक जाता है कि एफसीआई ने करोड़ों रूपयों का भुगतान राईस मिलर्स का रोक कर रखा है। चूंकि सिस्टम ने फोर्टिफाईड राईस के भुगतान का जिम्मा अधिकारियों को दे रखा है इस कारण राईस मिलर्स को हर अधिकारी की पूछ परख करनी पड़ती है। उन्हें प्रत्येक टेबल पर 6 से 7 रू. कमीशन बतौर देने पड़ते थे।
140 करोड़ से ज्यादा का घोटाला
छत्तीसगढ़ राईस मिल एसोसिएशन के पदाधिकारी बताते हैं कि पूरा घोटाला तकरीबन 140 करोड़ रूपए से ज्यादा की रकम का है। यह पूरा खेल तत्कालीन राज्य सरकार के समय का बताया जाता है। उस समय प्रत्येक चीज के पीछे मिलर्स को अधिकारियों को कमीशन देने पड़ते थे। फिलहाल सिस्टम में सुधार हो रहा है।
मिलर्स बताते हैं कि अब उन्हें सरकार बदलने के बाद अधिकारियों की कमीशनखोरी पूरी नहीं करनी पड़ती है। बताया तो यह तक जाता है कि अब अधिकारियों की कार्यशैली भी बदल गई है। मामला तब और गंभीर हो जाता है जब इसकी जांच में परत-दर-परत खुलती जाती है।
व्यापारियों के मुताबिक मार्कफेड के एमडी रहे मनोज सोनी ने अपने कार्यकाल के 2 साल में इस खेल को बड़ी तेजी से खेला था। इसके लिए उन्होंने अपनी एक टीम गठित की थी। टीम में मार्कफेड के अधिकारियों सहित छत्तीसगढ़ स्टेट मिलर्स एसोसिएशन के कई पदाधिकारी भी शामिल थे।
इन्हीं में से एक पदाधिकारी जो कि मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं वह भी बताए जाते हैं इन्हीं मनोज अग्रवाल के घर कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच कर रही ईडी की टीम पहुंची थी। बताया तो यह तक जाता है कि लाखों रूपए की बरामदगी के बाद भी ईडी अपनी इस जांच से संतुष्ट नहीं है।
जनचर्चा के मुताबिक ईडी ने इलेक्ट्रनिक डिवाइस जब्त करने के बाद उसकी जो जांच की थी उसमें एक मोबाईल नंबर भी आया था। कथित तौर पर इसी नंबर से जुड़े मोबाईल को जब्त करने ईडी की टीम पहुंची थी लेकिन यह मोबाईल नहीं मिल पाया। अब ईडी मामले में क्या कुछ करेगी यह आने वाला समय ही बताएगा।

BJPchhattisgarhCongressEDManoj Agrawalmanoj soniRice Millers
Comments (0)
Add Comment